शिवहरः जिले में डकैती नहीं थम रही. पुलिसिया कार्रवाई के बावजूद डकैतों के हौसले बुलंद हैं. इससे लोगों का पुलिस प्रशासन पर विश्वास कम हुआ है. माओवादी की करतूत पर विराम जरूर लगा है. लेकिन लोजपा जिलाध्यक्ष संजय पांडेय की हत्या के बाद विभिन्न आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने में पुलिस विफल रही है.
2013 में 5 घटनाएं
इस वर्ष 2 अप्रैल को अपराधियों ने श्यामपुर भटहां थाना क्षेत्र के मसहा गांव निवासी के घर में डकैती कर लूटपाट की. पुलिस इस घटना की छानबीन में लगी ही थी कि 25 अप्रैल को माधोपुर सुंदर गांव में राम पुकार साह व विंदेश्वर साह के घर को निशाना बनाया गया. महज एक सप्ताह बाद 1 मई को धोबाही निवासी जगत नारायण साह के घर डकैती हुई. 8 अगस्त को पिपराही थाना क्षेत्र के कुंअमा गांव में डकैतों ने एक साथ रघुनाथ साह, रामबली साह व रामदेव साह के घर में डकैती को अंजाम दिया. तीनों के घर से 6 लाख की संपत्ति लूटी गयी थी.
05 से अब तक की घटना
वर्ष 2005 से अब तक की घटनाओं पर नजर डाले तो वर्ष 05 में 10 तो वर्ष 06 में 2 डकैती की घटनाओं का अंजाम दिया गया. इसी तरह वर्ष 07 में 1, वर्ष 08 में 4, 09 में 3 व वर्ष 2010 में डकैती की घटनाओं में एक बार फिर वृद्धि हो गया. उक्त वर्ष 15 घरों में लूट पाट की गयी, जबकि वर्ष 2011 में विगत वर्षो की आंकड़ा को ध्वस्त कर दिया गया. उस वर्ष 22 घटनाएं घटित हुई. वहीं वर्ष 2012 में डकैती की घटनाओं में कुछ हद तक कमी आयी. इस वर्ष कुल 5 घटनाओं को अंजाम दिया गया.
कहते हैं एसपी
एसपी हिमांशु शेखर त्रिवेदी ने कहा कि डकैती की घटनाओं पर अंकुश लगाने को टीम गठित की गयी है. शीघ्र उपलब्धि सामने आयेगी. हत्या व अन्य घटनाओं पर अंकुश लगाने की बाबत कहा कि सभी थानाध्यक्षों को जिम्मेवारी सौंपी गयी है. आपराधिक घटनाएं रोकने को पुलिसिया योजना बनायी गयी है.