बुनियादी सुविधाओं से वंचित धोबाही के लोग
शिवहर : प्रखंड के शिवहर धोबाही पंचायत अंतर्गत अनुसूचित जाति टोला के लोग बिजली, सड़क, शिक्षा व पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं से अब तक वंचित हैं. उक्त सुविधाओं को लालायित रघुवंश नाला के किनारे बसे इस गांव के लोगों की कहानी बयां कर रही है झुरियों में झांकता बुढ़ापा, कुपोषण से सिसकता बचपन व रोजी-रोटी […]
शिवहर : प्रखंड के शिवहर धोबाही पंचायत अंतर्गत अनुसूचित जाति टोला के लोग बिजली, सड़क, शिक्षा व पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं से अब तक वंचित हैं. उक्त सुविधाओं को लालायित रघुवंश नाला के किनारे बसे इस गांव के लोगों की कहानी बयां कर रही है झुरियों में झांकता बुढ़ापा, कुपोषण से सिसकता बचपन व रोजी-रोटी की तलाश में भटकते युवा. यहां की व्यवस्था विकास की गति का पोल खोल कर रख दिया है. इस संबंध में ग्रामीण पुकार पासवान, सुनील पासवान व रंजीत कुमार कहते हैं कि वासगित परचा के लिए भी जमीन नहीं था. जिसके चलते लोग रघुवंश नाला के सरकारी जमीन पर बस गये. कुछ लोगों को परचा मिला तो कुछ लोग परचा के लिए अब तक भटक रहे हैं.
तीन वर्ष पूर्व लगा तार व पोल
ग्रामीणों ने बताया कि करीब तीन वर्ष पूर्व गांव में विद्युत सुविधा के लिए तार व पोल लगाया गया, जिसकी रोशनी मात्र एक माह तक ही दिखी. उसके बाद ट्रांसफॉर्मर खराब हो गया. बिजली गुल हो गयी और उसके बाद से अब तक जनप्रतिनिधियों व विभागीय कार्यालयों का चक्कर लगा कर थक गये, पर कोई सुधी लेने वाला नहीं हैं. वहीं ग्रामीण पुकार पासवान, अखिलेश राम, अवधेश राम, भोला राम, राम बालक राम व चंदेश्वर राम के घर में भूकंप के कारण दरारें पड़ गयी. आवेदन कहां जमा किया जाय इसकी कोई जानकारी किसी भी जनप्रतिनिधि या राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा नहीं दी जा रही है. ये लोग केवल वोट लेने के लिए दरवाजे पर आते है.
नहीं मिल रहा रोजगार
ग्रामीण चुल्हिया देवी, सुगंधी देवी व रेखा देवी बताती है कि जॉब कार्ड मिलने के बाद भी मनरेगा के तहत काम नहीं मिला. वहीं बीपीएल में नाम होने के बाद भी राशन कार्ड नहीं मिल रहा है. जिसको जरूरत नहीं है वैसे राशन मिलता है और जिन्हें जरूरत है वैसे लोगों को राशन नहीं मिलता है. जिसको मिलता है उन्हें डीलर द्वारा दो किलो अनाज कम दिया जाता है.
बच्चे प्राथमिक शिक्षा से वंचित
विद्यालय के अभाव में गांव के छोटे-छोटे बच्चे प्राथमिक शिक्षा से वंचित हो रहे है. गांव से पांच किलोमीटर की दूरी पर धोबाही में प्राथमिक विद्यालय है. वहीं दो किलोमीटर दूर ममरेजपुर में प्राथमिक विद्यालय है. राम अयोध्या राम की पत्नी कांति देवी बताती है कि इस गांव के बच्चे ममरेजपुर प्राथमिक विद्यालय में जाते थे, लेकिन शिक्षक के भेदभाव करने के कारण वहां भी जाने से कतराते रहते हैं. बताया कि इस गांव में आंगनबाड़ी केंद्र भी नहीं है, ताकि बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा व पोषाहार भी नसीब हो सके.
कहते हैं प्रमुख
प्रखंड प्रमुख उमेश पासवान ने बताया कि इस गांव को विकास की मुख्य धारा में शामिल कराने की दिशा में पहल की जायेगी. ट्रांसफॉर्मर हेतु विद्युत विभाग से बात करेंगे और पेयजल के लिए चापाकल की भी व्यवस्था की जायेगी.