लाठीचार्ज में आधा दर्जन जख्मी
अरेराज : धरना-प्रदर्शन के दौरान नोकझोंक व लाठीचार्ज बल प्रयोग की घटना से अरेराज प्रखंड व अंचल कार्यालय में अफ रातफ री की स्थिति रही़ माहौल उग्र होते देख गांव से प्रखंड-अंचल कार्य कराने आये लोग वापस लौट गय़े लोगों का कहना था कि इंदिरा आवास में घूसखोरी व अन्य मामलों में भ्रष्टाचार, फसल क्षति […]
अरेराज : धरना-प्रदर्शन के दौरान नोकझोंक व लाठीचार्ज बल प्रयोग की घटना से अरेराज प्रखंड व अंचल कार्यालय में अफ रातफ री की स्थिति रही़ माहौल उग्र होते देख गांव से प्रखंड-अंचल कार्य कराने आये लोग वापस लौट गय़े लोगों का कहना था कि इंदिरा आवास में घूसखोरी व अन्य मामलों में भ्रष्टाचार, फसल क्षति इनपुट वितरण में गड़बड़ी की जांच मांग जायज थी़
आखिर वार्ता के दौरान नोकझोंक क्यों हुई, शांतिपूर्ण वार्ता होनी चाहिए थी़ इधर इसको लेकर प्रशासन व प्रदर्शनकारी एक-दूसरे को आरोपित कर रहे थ़े ग्रामीण भारत संघर्ष समिति के अध्यक्ष युवराज पांडेय ने बताया कि इस समिति का निर्माण पूर्व किया गया है़ जिले के पांच हजार सदस्य हैं
पूर्व में एक जून को केसरिया प्रखंड कार्यालय परिसर, पांच जून को कोटवा, आठ जून को तुरकौलिया, 12 जून को पहाड़पुर में गरीबों की हर घर में बिजली, चापाकल, शौचालय, महंगाई कम करने, भ्रष्टाचार को रोकने, इंदिरा आवास में दलाली बंद करने को लेकर धरना दिया गया था़ इसी क्रम में 16 जून को धरना शांतिपूर्ण दिया जा रहा था कि पदाधिकारियों द्वारा वार्ता नहीं करने पर पुलिस द्वारा लाठी चार्ज कर धरनार्थियों की बेरहमी से पिटाई की गयी, जिसमें आधा दर्जन धरना कर्मी घायल हो गय़े अध्यक्ष पांडेय ने बताया कि यहां राजनीति के तहत मारपीट किया गया है़ गरीबों की हक की लड़ाई लड़ता रहूंगा़उन्होंने कहा कि घटना की सूचना दी गयी थी़
लाठीचार्ज से इनकार
ओपी थानाध्यक्ष विकास तिवारी ने बताया कि अधिकारी के निर्देश पर कार्यालय पहुंचा तो धरनार्थियों द्वारा कार्यालय में तोड़फ ोड़ किया जा रहा था़ समझाने का प्रयास किया गया तो उत्तेजित होकर पुलिस कर्मियों से र्दुव्यवहार करने का प्रयास किया, जिसके बाद चार लोगों को गिरफ्तार किया गया़ उन्होंने लाठीचार्ज करने के आरोप को निराधार बताया़
होगी कड़ी कार्रवाई
एसडीओ विजय कुमार पांडेय ने बताया कि धरना की कोई सूचना किसी के द्वारा नहीं दिया गया था़ सरकारी कार्यालय में कार्य में बाधा डालना व पदाधिकारी से र्दुव्यवहार करना बहुत ही बड़ा अपराध है़ ऐसे कार्य करने वाले के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जायेगी़ वहीं अगर मांग पत्र मिलता है तो उसके आलोक में कार्रवाई की जायेगी़