उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं देने पर होगी कारवाई
शिवहर : प्राथमिक शिक्षा एवं सर्वशिक्षा अभियान के डीपीओ मोहन ठाकुर ने डेस्क-बेंच से संबंधित राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र 25 जुलाई तक देने का निर्देश सभी मध्य एवं बुनियादी विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य को दिया है. उन्होंने कहा कि मार्च 2015 में डेस्क-बेंच क्रय करने के लिये विद्यालयों को राशि उपलब्ध कराई गयी थी. राज्य […]
शिवहर : प्राथमिक शिक्षा एवं सर्वशिक्षा अभियान के डीपीओ मोहन ठाकुर ने डेस्क-बेंच से संबंधित राशि का उपयोगिता प्रमाणपत्र 25 जुलाई तक देने का निर्देश सभी मध्य एवं बुनियादी विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य को दिया है. उन्होंने कहा कि मार्च 2015 में डेस्क-बेंच क्रय करने के लिये विद्यालयों को राशि उपलब्ध कराई गयी थी.
राज्य मुख्यालय द्वारा उसके उपयोगिता प्रमाणपत्र की मांग पत्रंक 3336 दिनांक 11 मई 2015 के द्वारा की गयी है. 25 जुलाई तक जो विद्यालय उपयोगिता प्रमाणपत्र समर्पित नहीं करेंगे, उनसे राशि वापसी की कार्रवाई की जायेगी.
छात्रों को नहीं होगी परेशानी
डीपीओ ने बताया कि गणित के छात्रों को पठन-पाठन में अब कोई परेशानी नहीं होगी. विभागीय निर्देश पर शैक्षणिक सत्र 15-16 के लिये गणित शिक्षण हेतु कार्य योजना का निर्माण किया गया. जिसका संचालन का दायित्व सीआरसीसी एवं अनुश्रवण का दायित्व बीइओ बीआरपी को सौंपी गयी है. उन्होंने कहा कि 1 जुलाई को गणित पढ़ाने वाले शिक्षकों को गणित में होने वाली कठिनाई का पता लगाकर
उसे लिपिबद्ध किया गया, जबकि 2 अगस्त 2015 को जुलाई माह में
चिह्न्ति कठिनाइयों का समाधान वही 3 सितंबर को संकुल स्तर पर गणित शिक्षण हेतु कक्षा पूर्व तैयारी, व्यावहारिक पाठ योजना के निर्माण का प्रारूप तैयार किया जायेगा. 4
अक्टूबर को शिक्षक पाठ योजना के अनुरूप शिक्षण संबंधी अनुभवों का आदान प्रदान करेगें. 5 नवंबर को गणितीय पैटर्न, शॉटकट व ट्रिक का शिक्षकों द्वारा प्रदर्शन व संग्रहन किया जायेगा.
6 दिसंबर को विद्यालय वार व कक्षा वार कम सिखने वाले, औसत सीखने वाले व औसत से अधिक सीखने वाले छात्रों की सूची तैयार कि जायेगी. 7 जनवरी 2016 को दिसंबर 2015 माह में तैयार सूची के अनुसार गणित शिक्षक छात्रों के साथ विशेष शिक्षण प्रारंभ करेंगे. 08 फरवरी 2016 को संकुल स्तर पर गणित मेला का आयोजन किया जायेगा, जिसमें गतिविधि का प्रदर्शन किया जायेगा. 9 मार्च 2016 को पूरे वर्ष की गतिविधि की समीक्षा की जायेगी एवं उपलब्धि को लिपिबद्ध किया जायेगा. इसका लाभ छात्रों को मिलेगा.