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बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे अविभावक

मध्य विद्यालय बसंतपट्टी का मामला पुरनहिया : प्रखंड के मध्य विद्यालय बसंतपट्टी में विगत दस दिनों से अविभावक बच्चों को विद्यालय नहीं भेज रहे हैं. जिससे पठन पाठन पूरी तरह ठप है, किंतु विभाग कुंभकर्णी निद्रा में सोया है. यहां विगत 10 जुलाई को शौचालय उपयोग को लेकर मध्य विद्यालय व केजीबी के छात्रों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 26, 2015 7:27 AM
मध्य विद्यालय बसंतपट्टी का मामला
पुरनहिया : प्रखंड के मध्य विद्यालय बसंतपट्टी में विगत दस दिनों से अविभावक बच्चों को विद्यालय नहीं भेज रहे हैं. जिससे पठन पाठन पूरी तरह ठप है, किंतु विभाग कुंभकर्णी निद्रा में सोया है. यहां विगत 10 जुलाई को शौचालय उपयोग को लेकर मध्य विद्यालय व केजीबी के छात्रों के बीच विवाद हो गया था.
उसके बाद अविभावक आक्रोशित हो गये. वे सभी केजीबी को दोषी मानते हुए इस विद्यालय को मध्य विद्यालय परिसर से हटाने की मांग कर रहे हैं, किंतु विभागीय चुप्पी से मामला खटाई में पड़ा हुआ है.
मध्य विद्यालय के शिक्षकों ने बच्चों के माता पिता से मुलाकात कर उन्हे विद्यालय भेजने की अपील की किंतु वे लोग वरीय पदाधिकारी का आश्वासन चाह रहे हैं. बीडीओ क्यूम अंसारी, बीइओ रवींद्र नाथ सिंह व सीओ नवीन कुमार चौधरी का प्रयास विफल हो चुका है. वहीं डीइओ वर्षा सहाय ने अब तक विद्यालय में जाना जरूरी नहीं समझा है. डीपीओ स्थापना सत्येंद्र मिश्र व संभाग प्रभारी सत्येंद्र सिंह ने विद्यालय का जायजा लिया है. किंतु समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है.
मध्य विद्यालय में हैं 13 कमरे
मध्य विद्यालय बसंतपट्टी विद्यालय भवन में कुल 13 कमरे हैं. इसमें एक कमरे में सीआरसीसी की बैठक होती है. एक में मध्य विद्यालय का कार्यालय है. वहीं एक कमरे में कबीजी का कार्यालय है. खपरैल तीन कमरों में से एक कमरे में प्राथमिक विद्यालय नुनिया टोला की पढ़ाई होती है.
एक में स्टोर व एक में किचेन संचालित होता है. शेष बचे सात कमरों में से पांच कमरे मध्य विद्यालय के नामांकित 1044 छात्रों के पठन पाठन में उपयोग होता है. 1044 बच्चों को पांच कमरों में पढ़ाने की व्यवस्था महज खानापूतर्ि तक सिमट कर रह गयी है. वही दो कमरे में केबीजी के 73 छात्रओं के आवासीय व्यवस्था के लिए कम पड़ता है.
इधर ग्रामीणों की मानें तो सभी कमरे मध्य विद्यालय के है तो उसके शिक्षक व छात्र कठिनाई में क्यों रहे. विभाग अन्य दोनों विद्यालय को दूसरी जगह संचालित कराये ताकि मध्य विद्यालय के छात्र स्वतंत्र वातावरण में पढ़ सकें. विद्यालय में छह शौचालय है जिसमें काम लायक दो ही शौचालय है.

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