एक शिक्षिका के भरोसे 1150 बच्चे
बैरगनियाः सरकार के स्तर से शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए न जाने अब तक कितने कदम उठाये गये हैं. कई योजनाएं चलायी गयी और चलायी जा रही हैं. सुधार के लिए पदाधिकारियों की बड़ी फौज हैं. सरकार भी गंभीर हैं. बावजूद व्यवस्था सुधरने के बजाय और बदतर होती जा रही हैं. भले ही इसके […]
बैरगनियाः सरकार के स्तर से शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए न जाने अब तक कितने कदम उठाये गये हैं. कई योजनाएं चलायी गयी और चलायी जा रही हैं. सुधार के लिए पदाधिकारियों की बड़ी फौज हैं. सरकार भी गंभीर हैं. बावजूद व्यवस्था सुधरने के बजाय और बदतर होती जा रही हैं. भले ही इसके लिए जिम्मेवार सरकार व अधिकारी हो अथवा कोई और. बदतर व्यवस्था का हाल यह हैं कि प्रखंड के एक मवि में करीब 1150 बच्चे नामांकित हैं, जिनके भविष्य को संवारने के लिए मात्र एक शिक्षिका है. वह भी किसी दूसरे स्कूल की है.
इस स्कूल में उक्त शिक्षिका की प्रतिनियुक्ति की गयी है. डीइओ ने प्रतिनियुक्ति रद्द कर दी है. अब वह शिक्षिका भी यहां नहीं रह पायेगी और अपने मूल विद्यालय में चली जायेगी. तब यहां के बच्चे भगवान भरोसे रहेंगे. इसमें कोई दो मत नहीं है. क्योंकि विभाग द्वारा इसकी योजना नहीं बनायी गयी है कि उक्त विद्यालय में शिक्षक की नियुक्ति कब की जायेगी.
स्कूल का हाल
यह हाल प्रखंड के मवि पचटकी यदू का हैं. बच्चे 1150 हैं. उनके बैठने व पढ़ने के लिए मात्र तीन कमरें हैं. इन तीन कमरों में बच्चों को कैसे पढ़ाया जाता होगा, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता हैं. प्रभात खबर ने गत शुक्रवार को उक्त स्कूल का मुआयना किया. स्कूल में ताला लटका था. रसोइया राम भरोस राय ने बताया कि प्रधान शिक्षिका आयी थी. बच्चे नहीं थे. पढ़ाई नहीं हो सकी. करीब एक माह से एमडीएम भी बंद है.
बच्चों ने किया था हंगामा
10 सितंबर को छात्रवृत्ति के लिए बच्चों ने स्कूल में हंगामा किया था. डीइओ के आदेश पर बीइओ व अन्य अधिकारी जांच को स्कूल में पहुंचे थे. उनके समक्ष अभिभावक व बच्चे प्रधान शिक्षिका पूजन कुमारी को अभिलेख के साथ उपस्थित कराने की मांग पर अड़ गये थे. जब प्रधान नहीं पहुंची तो अभिभावकों ने अधिकारियों को एक तरह से खदेड़ दिया था. इस बाबत बीइओ ने पत्रकारों को बताया कि प्रधान विशेषावकाश पर है. वैसे छुट्टी का कोई आवेदन नहीं है. उन्हें उनके मूल विद्यालय मध्य विद्यालय मड़पा ताहिर में लौटाया जा रहा है.
निवास से एमडीएम संचालित
प्रधान अपने अस्थायी निवास से रसोइया के सहारे एमडीएम का संचालन कर रही थी. इसी बीच बनवारी म. वि, बैरगनिया में चल रहे शिक्षण-प्रशिक्षण में प्रधान शिक्षिका को शामिल होना पड़ा. फलत: विद्यालय में लगातार एक माह तक पठन-पाठन ठप रहा. बताया गया है कि ग्रामीणों की शिकायत के आलोक में वरीय अधिकारी को जांच रिपोर्ट नहीं भेजी गयी है.