झारखंड व बंगाल जा रही नालंदा की गोभी,इजाफा
बिहारशरीफ : सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में शुरू से ही नालंदा की अलग पहचान रही है. कभी नालंदा के आलू व प्याज की मांग दूसरे प्रदेशों से खूब होती थी. जैविक सब्जी के साथ नालंदा का नाम जुड़ने के बाद से इसमें एक बार फिर से तेजी आ गयी है. पहले भी पड़ोसी राज्य झारखंड […]
बिहारशरीफ : सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में शुरू से ही नालंदा की अलग पहचान रही है. कभी नालंदा के आलू व प्याज की मांग दूसरे प्रदेशों से खूब होती थी. जैविक सब्जी के साथ नालंदा का नाम जुड़ने के बाद से इसमें एक बार फिर से तेजी आ गयी है. पहले भी पड़ोसी राज्य झारखंड में नालंदा की गोभी व सब्जियां भेजी जाती थी. अब इसमें और वृद्धि हो गयी है.
अब तो पश्चिम बंगाल व नेपाल के बॉर्डर तक नालंदा की हरी सब्जियों की काफी मांग है. पटना, बख्तियारपुर, फतुहा, आरा तो नालंदा की हरी सब्जियां प्रतिदिन जाती ही है. इन दिनों पश्चिम बंगाल व झारखंड के लिए प्रतिदिन दर्जनों ट्रक फूलगोभी, बैंगन, भिंडी, करेला, कद्दू, धनिया पत्ता, मिर्च आदि लेकर जा रहे हैं. खरीदारी खेतों के पास ट्रक खड़ा कर किसान सैकड़े के हिसाब से फूलगोभी कटवा कर वाहन में लाद कर ले जा रहे हैं. झारखंड व पश्चिम बंगाल सब्जी ले जा रहे हैं.
मो. मुन्नु आलम बताते हैं कि वे प्रतिदिन इन जगहों के लिए दो से तीन गाड़ी फूलगोभी ले जाते हैं. सैकड़ा के आधार पर किसान से फूलगोभी भी कीमत तय करने के बाद इन्हें खेतों से कटवाया जाता है. इसी प्रकार मो. चुन्नु आलम, मो. कल्लु राइन आदि खरीदारों ने बताया कि वे प्रतिदिन यहां से सब्जी दूसरे प्रदेश ले जा रहे हैं.
दूसरे प्रदेशों में नालंदा की सब्जी को खूब पसंद किया जाता है. सोहडीह के किसान राकेश कुमार बताते हैं कि जब पूरे प्रदेश में कहीं फूलगोभी नहीं थी, उस समय सोहडीह में फूलगोभी था. उस समय गरमी ही चल रही थी. उसी समय से यहां की फूलगोभी बाहर जा रही है. किसानों ने बताया कि यहां से कद्दू, भिंडी, परोर, करैला, हरी मिर्च दूसरे प्रदेशों में जा रही है. यहां की हरी सब्जियों की डिमांड इतनी है कि मांग के अनुसार आपूर्ति करना मुश्किल है़