नरक निवारणी चतुर्दशी व हनुमान जयंती 10 को
शिवहर : एक ओर लोग धनतेरस व दीपावली की तैयारी में जुटे हैं. तो दूसरी ओर तिथि को लेकर शंका में हैं. लोगों की शंका को दूर करने के लिए प्रभात खबर ने पंडित कामेश्वर झा से बात की. उन्होंने बताया कि धनतेरस 9 नवंबर को होगा. इस दिन लक्ष्मी पूजन का भी शास्त्रीय प्रावधान […]
शिवहर : एक ओर लोग धनतेरस व दीपावली की तैयारी में जुटे हैं. तो दूसरी ओर तिथि को लेकर शंका में हैं. लोगों की शंका को दूर करने के लिए प्रभात खबर ने पंडित कामेश्वर झा से बात की.
उन्होंने बताया कि धनतेरस 9 नवंबर को होगा. इस दिन लक्ष्मी पूजन का भी शास्त्रीय प्रावधान है. इस दिन प्रदोष काल वृष लगन में 5:34 से 6:39 के बीच लक्ष्मी पूजन उत्तम होगा. वही नरक निवारणी चतुर्दशी व हनुमान जयंती 10 अक्टूबर मंगलवार को है. शास्त्रों के अनुसार हनुमान जी का जन्म कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी मंगलवार, स्वाती नक्षत्र व मेष लग्न में हुआ था. इस वर्ष सभी संयोग मिल रहे है. इसलिए इस दिन हनुमान पूजन शुभ फलदायी होगा.
दीपावली 11 नवबंर को होगा. इस तिथि को लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहुर्त दिन के 12:49 से 2:20 तक कुंभ लग्न में व संध्या 5:26 से 6:23 के बीच वृष लग्न में शुभ है. वही महा निशापूजा रात्रि 11:55 से 2:28 बजे के बीच सिंह लग्न में उत्तम है. इधर पंडित लक्ष्मीकांत पांडेय का कहना है कि दीपावली के दिन निशा रात्रि में मां सरस्वती,महाकाली व मां तारा लक्ष्मी स्वरूपा की पूजा होती है. लक्ष्मी पूजन से पहले गणेश की पूजा उतम है. गणेश व लक्ष्मी का संबंध माता व पूत्र का है.
जो अटूट संबंध है. कहा कि दीपावली के दिन घर में धन व समृधि का प्रवेश होता है. इस लिए उस दिन शुद्धता,सात्विकता,स्वच्छता व शाकाहारी का होना जरूरी है. लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए घर ,आस पास की सफाई के साथ,मन को स्वच्छ व साफ रखने की जरूरत है. गणेश की स्थापना लक्ष्मी के बायें तरफ होती है.