शिवहर : आरडीएमओ के तत्वावधान में स्थानीय मंगल भवन में उत्पादन समूह के निदेशकों के दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसका उद्घाटन एलडीएम प्रदीप कुमार, डीडीएम नाबार्ड आर के सिन्हा, स्टेट समन्वयक धीरज शेखर ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.
मौके पर एलडीएम ने कहा किसान को व्यावसायिक बनना होगा ,तभी वे लाभ कमा सकते हैं. इसके लिए उत्पादन संबंधी समस्या को साझा कर जानकारी लेने की जरूरत है. कहा कि कंपनी यदि कोई प्रोडक्ट बनाती है तो उसका कीमत कंपनी निर्धारित करती है. जबकि किसान अपने द्वारा उत्पादित फसल की कीमत स्वयं निर्धारित नहीं कर सकता है. आज दाल की कीमत चर्चा का विषय बना हुआ है.
किंतु दाल उत्पादन करने वाले किसान को बढ़े हुए कीमत का लाभ नहीं मिल पा रहा है. यदि किसान आपस में नेटवर्किंग से जुड़ कर काम करेंगे. तो संभव है किसानों को उत्पादन पर बढ़े हुए कीमत का लाभ मिले. किसान उत्पादक समुह किसानों को व्यवसायिक बनाने के दिशा में काम कर रहा है. जो एक अच्छा प्रयास है.
परियोजना मूल्यांकन समिति का गठन
मौके पर आरडीएमओ के डीडीएम ने उत्पादन समूह के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि नाबार्ड के उत्पादन समूह विकास निधि के अंतर्गत जिले के विभिन्न प्रखंडों में दो किसान उत्पादक समूह का गठन किया गया है. प्रथम समूह बीज उत्पादक समूह व दूसरा फार्म इनपुट सप्लाई समूह है. प्रत्येक समूह को अगले तीन वर्षों में 500 उत्पादकों को जोड़ने का लक्ष्य दिया गया है. इन उत्पादक समूह को भारत सरकार के कंपनी एक्ट 1956 में पंजीकृत भी किया जायेगा.
कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिए डीडीएम नाबार्ड के अध्यक्षता में एक परियोजना मूल्यांकन समिति का गठन किया गया है. इसमें जिला कृषि पदाधिकारी, एलडीएम, निदेशक आर सेठी आदि हैं. आज किसान खाद, बीज,कीटनाशक, आधुनिक कृषि तकनीक, बाजार आदि की समस्याओं से परेशान है. वही खेती के प्रति उदासीन होते जा रहे हैं.
नाबार्ड व अन्य गैर सरकारी संस्थानों के सहयोग से सरकार किसानों को संगठित कर खेती को उद्योग व किसानों को उद्यमी के रूप में विकसित करने के लिए वर्ष 2015-16 में 2000 किसानों को पंजीकृत करने का लक्ष्य रखी है. मौके पर परियोजना निदेशक रंजन वर्मा, राघवेंद्र कुमार सिंह, सुजित कुमार, राकेश कुमार सिंह, जितेंद्र कुमार सिंह, राजेश मिश्र समेत कई मौजूद थे.