पुपरी : छठ पर्व में अब कुछ हीं दिन शेष रह गये हैं. बावजूद घाटों की सफाई के प्रति प्रशासन उदासीन हैं. नगर के विभिन्न मार्गों की छठ व्रती करीब एक किलोमीटर दूर बुढ़नद नदी के तट पर व्रत करती है. स्थानीय भिट्ठा हाट तालाब, छठियारी पोखर, प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित पोखर व झझिहट तालाब के अलावा आवासीय परिसर में छठ किया जाता है. फिलहाल किसी घाट की साफ-सफाई प्रशासन द्वारा शुरू नहीं करायी गयी है. वर्षों पूर्व भिट्ठा हाट तालाब पर हीं नगर के अधिकांश महिला व पुरुष छठ करते थे. तालाब के उत्तरी किनारे से अब भी कुछ लोग पर्व करते हैं.
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छठ घाटों की सफाई पर उदासीनता
पुपरी : छठ पर्व में अब कुछ हीं दिन शेष रह गये हैं. बावजूद घाटों की सफाई के प्रति प्रशासन उदासीन हैं. नगर के विभिन्न मार्गों की छठ व्रती करीब एक किलोमीटर दूर बुढ़नद नदी के तट पर व्रत करती है. स्थानीय भिट्ठा हाट तालाब, छठियारी पोखर, प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित पोखर व झझिहट तालाब […]
लोगों का है कहना : पूर्व वार्ड पार्षद विश्वनाथ प्रसाद ने बताया कि दिन व दिन भिट्ठा हाट तालाब का अस्तित्व समाप्त होते जा रहा है. कभी बड़ी संख्या में महिला व पुरुष इस तालाब पर छठ किया करते थे. अब तालाब के तीन तरफ से लोगों द्वारा मकान बना लिया गया है. लोगों द्वारा अपने घरों की गंदगी युक्त पानी इसी तालाब में बहाया जाता है. दिनेश कसेरा ने कहा है
कि तालाब में ब्लीचिंग पाउडर डाले बिना छठ संभव नहीं है. पप्पू शर्मा, दिलीप कसेरा व नागेश्वर प्रसाद ने बताया कि गंदगी के कारण हीं अब उनके परिवार पर इस तालाब के बजाय बुढ़नद नदी के तट पर छठ करती है. रिंकू भटनागर, महेश चंद्र गुप्ता व राजेंद्र भगत ने बताया कि उनके पूर्वज भिट्ठा हाट तालाब पर छठ करते थे. कुछ लोगों द्वारा तालाब की नारकीय स्थिति बना दी गयी है. मुकेश कुमार, आरबी चौधरी व पिंकी देवी ने प्रशासन से छठ पर्व के मद्देनजर भिट्ठा हाट तालाब की साफ-सफाई कराने की मांग की है.
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