सोनबरसा पीएचसी में महिला चिकित्सक नहीं
सोनबरसा : स्थानीय पीएचसी में कई सुविधाएं उपलब्ध है तो कई सुविधाएं नहीं है. खास कर महिला चिकित्सक के नहीं रहने के चलते अधिकांश महिला मरीज पीएचसी में न आ कर निजी महिला चिकित्सक के यहां चली जाती है. यानी एक मात्र महिला चिकित्सक का पद रिक्त रहने से हर माह प्रखंड के सैकड़ों महिला […]
सोनबरसा : स्थानीय पीएचसी में कई सुविधाएं उपलब्ध है तो कई सुविधाएं नहीं है. खास कर महिला चिकित्सक के नहीं रहने के चलते अधिकांश महिला मरीज पीएचसी में न आ कर निजी महिला चिकित्सक के यहां चली जाती है. यानी एक मात्र महिला चिकित्सक का पद रिक्त रहने से हर माह प्रखंड के सैकड़ों महिला मरीजों को सरकारी चिकित्सा के लाभ से वंचित रहना पड़ता है.
सर्पदंश की दवा उपलब्ध
पीएचसी में एंटी रैबिज वैक्सिन, सर्पदंश, कालाजार, टीवी व कुष्ठ रोग की दवा उपलब्ध है. एमबीबीएस तीन चिकित्सक है. चार आयुष चिकित्सक हैं जो एपीएचसी पर ड्यूटी करते हैं. आउट डोर में 33 के बजाय 22 प्रकार की दवा है.
इन डोर में 48 प्रकार की दवा की जरूरत है जो उपलब्ध है. पारा मेडिकल कर्मी एक भी नहीं है. सूत्रों ने बताया कि प्रसव को आयी महिलाओं के परिजन से अवैध वसूली की जाती है. नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया गया है कि महिला मरीज के डिसचार्ज होने तक उसके परिजन से कुछ न कुछ वसूली की जाती रहती है.
दवा खरीद चर्चा का विषय
स्कूली बच्चों की स्वास्थ्य जांच के लिए एक टीम बनायी गयी है. जांच के बाद बच्चों को नि:शुल्क दवा भी दी जा रही है. बताया गया है कि दवा की खरीद रोगी कल्याण समिति के खाते में उपलब्ध पैसे से की गयी है. दो लाख की दवा खरीद किये जाने की बात सामने आयी है. चर्चा है कि समिति की बिना बैठक किये व सदस्यों को कोई सूचना दिये बगैर दवा की खरीद कर ली गयी है जो चर्चा का विषय बना हुआ है. जांच के बाद हीं पूरी सच्चाई सामने आयेगी.
प्रबंधक का है कहना
इस बाबत पूछे जाने पर स्वास्थ्य प्रबंधक विनय भूषण ने कुछ भी बताने से साफ तौर पर इनकार किया. कहा कि इस संबंध में पीएचसी प्रभारी हीं बता सकते हैं. इधर, मोबाइल का स्विच ऑफ रहने के चलते प्रभारी डॉ रामप्रवेश सिंह से बात नहीं हो सकी.