सीतामढ़ी : नगर के रिंग बांध स्थित सरस्वती विद्या मंदिर विद्यालय में ‘नयी शिक्षा नीति-2015’ विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. लोक शिक्षा समिति बिहार के तत्वावधान में आयोजित गोष्ठी में शहर के लगभग तीन सौ शिक्षा विदों एवं अध्यापकों ने भाग लिया.
मौके पर उपस्थित शिक्षा विदों को पांच टोलियों में बांट कर प्रारंभिक एवं उच्च शिक्षा में अपेक्षित सुधार पर प्रतिक्रिया ली गयी. शिक्षा को व्यावहारिक बनाते हुए जन-जन तक उसकी पहुंच एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की आवश्यकता पर बल देते हुए सबने वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में आवश्यक सुधार के लिए अपने सुझाव प्रस्तुत किये. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित बिहार विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ श्रीप्रकाश पांडेय ने शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण एवं उपयोगी बनाने पर बल दिया.
उद्घाटन भाषण में विद्या भारती बिहार के क्षेत्रीय सचिव दिलीप कुमार झा ने 1986 की शिक्षा नीति में आवश्यक बदलाव की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि वह शिक्षा नीति जो आज से लगभग 30 वर्ष पहले बनी थी, उसे हम वर्तमान संदर्भ में नयी शिक्षा नीति भला कैसे कह सकते हैं? समय-समय पर इसकी समीक्षा आवश्यक है और ऐसा करके हीं हम इसे लोकोपयोगी बना सकते हैं. कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ लक्ष्मण झा ने इस नवीन शिक्षा नीति के लिए आवश्यक सुझाव दिया.
सरकारी एवं गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता में ह्रास, योग्य शिक्षकों की कमी, आधुनिक एवं तकनीकी शिक्षा का अभाव, योग एवं शारीरिक शिक्षा की अनिवार्यता आदि विषयों पर विस्तार से चर्चा की गयी. मौके पर लोक शिक्षा समिति बिहार के सह सचिव नकुल शर्मा, विभाग निरीक्षक मिथिलेश कुमार सिंह, विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के मंत्री उपेंद्र शुक्ल, उपाध्यक्ष रामनरेश ठाकुर, कौशल किशोर शर्मा आदि के साथ विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाचार्य एवं आचार्यों ने विचार रखा़