महंगाई : दाल की मार झेलने को रहिये तैयार!
पुपरी : बढ़ती महंगाई का असर सभी वर्गों पर पड़ने लगी है. उपभोक्ता सामग्री की कीमतों में जारी बेतहाशा वृद्धि से गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार ज्यादा प्रभावित हैं. आसमान छूती महंगाई की मार गृहस्थी पर भारी पड़ रहा है. उपभोक्ताओं का कहना है कि तमाम सामग्रियों की कीमत आसमान छू रही है. प्याज के […]
पुपरी : बढ़ती महंगाई का असर सभी वर्गों पर पड़ने लगी है. उपभोक्ता सामग्री की कीमतों में जारी बेतहाशा वृद्धि से गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार ज्यादा प्रभावित हैं. आसमान छूती महंगाई की मार गृहस्थी पर भारी पड़ रहा है. उपभोक्ताओं का कहना है कि तमाम सामग्रियों की कीमत आसमान छू रही है.
प्याज के दाम में तो कमी हुई है फिर भी 25 से 30 रुपये किलो है. चावल, तेल, दाल, चीनी व चायपत्ती समेत अन्य खाद्य सामग्री की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि जारी है. लिहाजा सामान्य परिवार के लोगों को संतुलित भोजन की भी समस्या सताने लगी है.
पहले दाल गायब, अब
सब्जी फीकी
सामान्य तबके के लोगों का कहना है कि महंगाई के चलते पहले सामान्य वर्ग के लोगों की थाली से दाल तो गायब हो ही चुकी है, अब मसाला की महंगाई के चलते सब्जी फीका होता जा रहा है. 30-40 रुपये प्रति किलो से कम का चावल खाने लायक नहीं है. आटा की कीमत में भी कोई कमी नहीं हो रही है. पैकेट वाला आटा 20 से 22 तो खुला हुआ आटा 25 रुपये किलो बिक रहा है. ऐसे लोग फल का उपयोग तो पर्व-त्योहार में ही करते हैं.
जानकारों का कहना है कि उपभोक्ता दैनिक उपयोग की सामग्री की कीमत में और अधिक उछाल आने वाला है. डालडा व रिफाइन 80 से 110 रुपये, चना दाल 65 रुपये, अरहर दाल 110 से 170 रुपये,मसूर दाल 75, उड़द 120, मूंग 110, बंगला 55 व खेसारी का दाल 45 रुपये किलो बिक रहा है. 25 रुपये बिकने वाला कतरनी चावल 30 से 35 रुपये, बासमती 40 से 45 रुपये तो साधारण चावल 20 से 22 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.