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अपने ही समाज का शोषण करते हैं नक्सली

पुरनहिया : प्रखंड के पिपराही पुनर्वास दुर्गा मंदिर में एसआरइ योजना के तहत ‘भटके राहे’ नामक नुक्कड नाटक का मंचन किया गया. इसमें बताया गया कि किस तरह लोग प्रलोभन, गलत संदेश व असमाजिक तत्वों के दबाव में नक्सली बन जाते हैं. गुमराह होकर लोग दलदल में फंस जाते हैं. जिसका परिणाम बुरा होता है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 29, 2016 4:41 AM

पुरनहिया : प्रखंड के पिपराही पुनर्वास दुर्गा मंदिर में एसआरइ योजना के तहत ‘भटके राहे’ नामक नुक्कड नाटक का मंचन किया गया. इसमें बताया गया कि किस तरह लोग प्रलोभन, गलत संदेश व असमाजिक तत्वों के दबाव में नक्सली बन जाते हैं. गुमराह होकर लोग दलदल में फंस जाते हैं. जिसका परिणाम बुरा होता है.

ये लोग अपने ही समाज का शोषण करते हैं. पुलिस पब्लिक से समन्वय से बेहतर समाज का निर्माण होता है. लोग अच्छे रास्ते पर चलकर शांति व प्रेम का जीवन जीते हैं. नाटक के माध्यम से नक्सलियों को हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज के मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की गयी है. नाटक में दर्शाया गया है

कि नक्सली अपने ही समाज के लोग को घेरकर उनपर अत्याचार कर रहे हैं. मौके पर प्रमुख पंकज कुमार, स्थानीय मुखिया नवीन कुमार ठाकुर, सरपंच भुखल सहनी, प्रभारी थानाध्यक्ष अमित कुमार, सअनि मोहन प्रसाद यादव कामेश्वर सिंह समेत सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे.

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