नरक निवारण चतुर्दशी पर शिव की पूजा

बोखड़ा : माघ चतुर्दशी व्रत पर रविवार को शिव मंदिरों में भगवान शिव की पूजा को भीड़ उमड़ पड़ी. सुबह से दो पहर तक मंदिरों में भीड़ लगी रही. प्रखंड के खड़का, भाउर, बनौल व सामर आदि गांवों के शिव मंदिरों में भक्तों की भगवान शिव के प्रति भक्ति भाव देखते बन रही थी. बता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 8, 2016 3:02 AM

बोखड़ा : माघ चतुर्दशी व्रत पर रविवार को शिव मंदिरों में भगवान शिव की पूजा को भीड़ उमड़ पड़ी. सुबह से दो पहर तक मंदिरों में भीड़ लगी रही. प्रखंड के खड़का, भाउर, बनौल व सामर आदि गांवों के शिव मंदिरों में भक्तों की भगवान शिव के प्रति भक्ति भाव देखते बन रही थी. बता दें कि खास कर मिथिलांचल में माघ चतुर्दशी व्रत किया जाता है. इस व्रत को नरक निवारण चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. इस व्रत में महिला, पुरुष व बच्चे शिव मंदिरों में शिव व पार्वती की पूजा करते हैं और शाम में बेर खा कर व्रत की समाप्ति करते हैं.

माघ चतुर्दशी व्रत की कथा
स्थानीय बुजुर्गों ने बताया कि माघ चतुर्दशी व्रत को लेकर तरह-तरह की कथाएं प्रचलित है. एक कथा यह भी है कि एक व्यक्ति गरीबी के चलते घर से भाग गया. जाते-जाते वह जंगल में पहुंचा और बेल के एक पेड़ पर चढ़ गया. वह व्यक्ति पेड़ पर कई दिनों तक भूखे-प्यासे रहा था. उसके पैर से बेलपत्र टूट कर नीचे शिवलिंग पर गिरता था. इससे पूर्व किसी ने भी उस शिवलिंग पर बेलपत्र नहीं चढ़ाया था.
पैर से लग कर शिवलिंग पर बेलपत्र गिरने से भगवान शिव उक्त व्यक्ति को अपना दर्शन दिये और उसे धन-धर्म व मोक्ष का आशीष दिये. भगवान शिव ने उक्त व्यक्ति से यह भी कहा कि जो कोई भी माघ चतुर्दशी के दिन व्रत रखेगा, उसे नरक से मुक्ति मिल जायेगी. कहा जाता है कि उक्त व्यक्ति को भगवान शिव ने जिस दिन दर्शन दिया था, उस दिन माघ चतुर्दशी थी.
पुपरी . माघ-कृष्ण पक्ष के नरक निर्वारण चतुर्दशी को लेकर सोमवार को नगर समेत आसपास के क्षेत्र स्थित शिव मंदिरों में सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. हर-हर महादेव व बोलबम के नारा के साथ सैकड़ों श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया. नगर के चर्चित नागेश्वरनाथ महादेव पंचेश्वरनाथ, झझिहट के रामेश्वरनाथ व धरमपुर-डुम्हारपट्टी में मेला जैसा माहौल रहा. व्रतियों ने बताया कि उक्त चतुर्दशी को पूरे दिन निर्जला उपवास रखने के बाद शाम में तारा देख कर बैर व केसौर खाकर व्रत तोड़ा जायेगा.

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