सोनबरसा : प्रखंड के स्कूलों में उर्दू व बंगला शिक्षकों के नियोजन का मामला गत दिन काफी चर्चित रहा था. सदर एसडीओ को नियोजन पर रोक लगानी पड़ी थी. हालांकि बाद में रोक हटा लिया गया.
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नियोजन के कुछ दिनों बाद दिया त्यागपत्र
सोनबरसा : प्रखंड के स्कूलों में उर्दू व बंगला शिक्षकों के नियोजन का मामला गत दिन काफी चर्चित रहा था. सदर एसडीओ को नियोजन पर रोक लगानी पड़ी थी. हालांकि बाद में रोक हटा लिया गया. खबर मिली है कि 26 दिसंबर 15 को प्रखंड के स्कूलों में कई शिक्षकों का नियोजन किया गया था, […]
खबर मिली है कि 26 दिसंबर 15 को प्रखंड के स्कूलों में कई शिक्षकों का नियोजन किया गया था, जिसमें से आठ शिक्षक व शिक्षिका नियोजन के कुछ ही दिनों बाद त्याग पत्र दे दिया. इसके पीछे कारण चाहे जो हो, लेकिन जानकारों का कहना है कि दूसरे स्कूल में नियोजन के लिए उक्त शिक्षकों द्वारा संबंधित स्कूल से त्याग पत्र दे दिया गया. कहा जा रहा है कि संबंधित प्रधान शिक्षकों द्वारा बैक डेट में त्याग पत्र स्वीकार किया गया था. जांच में इसका खुलासा हो सकता है.
यह बात अलग है कि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पायी है. जिन शिक्षकों ने त्यागपत्र दिया, उनमें मवि पकडि़या के अनवारूल हक, मवि मढ़िया के अतिर्कुहमान, मवि मुसहरनिया प्रथम के हामिद अफजल, मवि जयनगर के मो शमशेर अंसारी, मवि बेला हिंदी की नुसरत खातून, मवि रजवाड़ा वितरा के मो उमर सैफुल्ला, मवि परसा खुर्द के नुरूल हुसैन व मवि रमनगरा की फातमा खातून शामिल हैं.
नहीं मिले अभ्यर्थी
उर्दू व बंगला शिक्षक के नियोजन के बावजूद अब भी कई पद खाली है. खास बात यह कि अनुसूचित जाती पुरुष व महिला के अलावा पिछड़ी जाति महिला का एक भी अभ्यर्थी नहीं मिला, जिसके चलते सात पद खाली रह गये. यानी अनुसूचित जाति पुरुष के दो, महिला के तीन व पिछड़ी जाती महिला के दो पद खाली रह गये.
अनारक्षित पद पर नौ अभ्यर्थियों की तो अत्यंत पिछड़ी जाति के रिक्त तीन पद पर बहाली की गयी. अनुसूचित जनजाति के रिक्त एक पद पर बहाली की गयी.
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