शिवहर : जिले के फतमाचक गांव के अग्निपीड़ित तिनका तिनका जोड़कर आशियाना बनाने में जुटे हैं. हालांकि अगलगी के घटना के करीब एक माह बाद गिने चुने पीड़ित का ही घर बन सका है. करीब एक माह पूर्व अगलगी की एक घटना में करीब 59 परिवार बेघर हो गया था. जिसमें लाखों की संपत्ति जल कर राख हो गयी थी.
आग की चपेट में घर से बेघर हो गये लोग अभी तक घर नहीं बना सके हैं. घर जल जाने से बेघर हुये लोगों के लिए धूल झेलने व खुले आसमान में सोने की लाचारी है.
सरकारी सहायता के नाम पर इन पीड़ितों को 42 सौ रुपये नगदी व खाद्यान्न मद में तीन हजार नगदी दिया गया है. जिससे घर बनाना संभव नहीं है. पीड़ित सलेहा खातुन, रेयाजुल हक, सफाउल्लाह, हबीबा खातुन, जहदा खातुन, जकाउल्लाह, मो सकील, जमील अख्तर, ओसी अख्तर, हुसैन, सहदुल्लाह, फकरूद्दीन,शहबुद्दीन, सीता देवी आदि ने बताया कि गांव के अन्य लोगों से बांस, पुआल, खर आदि मांग कर तिनका के सहारे घर बनाने की तैयारी की जा रही है.
बहुत से पीड़ित आस पास पड़ोसी के घर में शरण लिये हुए हैं. सरकारी सहायता में जो नगदी मिला उससे बरतन आदि खरीदा गया. वही करीब एक माह से भोजन की व्यवस्था की गयी. परंतु अब कुछ भी शेष नहीं बचा है. इस गांव में गाड़ा गया चापाकल आग का भेंट चढ़ गया. अब हालत है कि मो. कलीमुल्लाह के घर के पास गाड़े गये एक मात्र चापाकल से पीड़ित परिवार को पीने का पानी मिल रहा है. जिससे लोगों को काफी कठिनाई हो रही है. पानी के लिए लंबी कतारे सुबह में लग जाती है.
रूक गयी बेटियों की शादी: मुसमात जाहदा खातुन का कहना है कि अगलगी से बेटियों की शादी रूक गयी. बेटी हबीबा खातुन की शादी बेलसंड में ठीक किया था. किंतु अगलगी में जमापूंजी व गहने कपड़े जल गये. जिससे शादी रूक गयी है. वही किशोर ठाकुर की पुत्री पूजा की शादी माधोपुर छाता होना तय था. जो घर के अभाव व जमा पूंजी व गहने जल जाने से रूक गया है. जाहीर हुसैन की पुत्री साहिना व अंजूम की शादी भी आग की घटना से रूक गयी है.
सीओ युगेश दास ने कहा कि आपदा के तहत घर के लिए जो राशि निर्धारित है. उसके लिए पीड़ितों की सूची तैयार कर वरीय पदाधिकारी को भेजी जा रही है. राशि उपलब्ध होने पर क्षतिपूर्ति की राशि उपलब्ध करा दी जायेगी. बीडीओ चंद्रभूषण प्रसाद ने कहा कि जिनका नाम बीपीएल में होगा. किंतु इंदिरा आवास नहीं मिला होगा.
उन्हें इंदिरा आवास की राशि उपलब्ध कराया जायेगा.
सुबह आठ बजे के बाद व आठ बजे रात के अंदर में खाना पकाना घातक: कार्यक्रम के दौरान प्रभारी अग्निशामक पदाधिकारी अर्जून प्रसाद सिंह ने बताया कि आग लगने के स्थिति में मो.नंबर-9631058564 पर सूचना शीघ्र दें. सुबह आठ बजे के बाद व रात आठ बजे के पूर्व खाना नहीं पकायें. कारण कि तेज बहती हवा कभी भी घटना का कारण बन सकती है. चूल्हे की राख को पूरी तरह बुझाकर ही बाहर फेंकना चाहिए.
जलती सिगरेट या बीड़ी इधर उधर नहीं फेंके.रात में दीया,लालटेन,मच्छर भगाने की अगरबती बुझाकर ही सोना चाहिए. फुस की घर में मिट्टी का लेप अवश्य लगाना चाहिए. महिलाओं को खाना पकाने के समय सर्तक रहना चाहिए. चूल्हे के पास पानी व बालू अवश्य रखना चाहिए. शरीर में आग लगने की स्थिति में भागने के बजाय जमीन पर लोट पोट होकर आग बुझाना चाहिए.