शिवहर : डीएम राजकुमार ने जिले के तरियानी पीएचसी में कार्यरत डॉक्टर द्वारा आपस में मारपीट करने की घटना को गंभीरता से लिया है.
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पीएचसी के दोनों डॉक्टरों पर कार्रवाई तय :डीएम
शिवहर : डीएम राजकुमार ने जिले के तरियानी पीएचसी में कार्यरत डॉक्टर द्वारा आपस में मारपीट करने की घटना को गंभीरता से लिया है. उन्होंने प्रभात खबर को बताया कि दोनों चिकित्सकों पर कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है. मालूम हो विगत रविवार को दो चिकित्सक डॉ रमण व डॉ ओमप्रकाश आपस में मारपीट किये […]
उन्होंने प्रभात खबर को बताया कि दोनों चिकित्सकों पर कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है. मालूम हो विगत रविवार को दो चिकित्सक डॉ रमण व डॉ ओमप्रकाश आपस में मारपीट किये थे. जिसको लेकर डीएम गंभीर है. बताते चले कि तरियानी पीएचसी आपसी विवाद में उलझकर अपने लक्ष्य से भटकता जा रहा है. कभी डॉक्टर व एएनएम के बीच ,तो कभी चिकित्सकों के आपसी विवाद से अस्पताल की व्यवस्था चरमरा गयी है.
इस पीएचसी में अनियमितता का मामला भी सामने आता रहा है. हालांकि यह एक विभागीय जांच का विषय है. किंतु सूत्रों की तो माने तो इस पीएचसी के एक चिकित्सक द्वारा सरकारी आवास में रहने के बावजूद आवास भत्ता लिये जाने का मामला भी सामने आया था. जिसे विभाग द्वारा लिपा पोती कर दिया गया. डॉ रमण का कहना है कि 4 जून 2013 को एक आवेदन प्रभारी चिकित्सा प्रभारी को दिया था. जिसमें डॉ इफ्तखर इमाम द्वारा सरकारी आवास में रहने के बावजूद आवास भत्ता लिये जाने का मामला उठाया था. किंतु उसे ठंढ़े बस्ते में डाल दिया गया. कहा कि 3 जनवरी 2012 को राष्ट्रीय कार्यक्रम से संबंधित सामग्री के क्रय हेतु एक समिति का गठन किया गया था.
जिसके अध्यक्ष डॉ राधेश्याम, सचिव डॉ अमिताभ, सदस्य डॉ इफतखार इमाम,डॉ रमन कुमार सिंह व डॉ अहमद नजमी को सदस्य बनाया गया था. किंत ुकभी भी क्रय समिति की बैठक नहीं की गयी. जबकि नियमों को ताख पर रख कर सामग्री का क्रय किया गया.स्वस्थ्य सचिव के पत्र का हवाला देते हुये डॉ रमण ने कहा कि 3 जुलाई 2015 तक सभी प्रतिनियुक्त कर्मी को मूल पदस्थापित जगह पर योगदान करने का निर्देश दिया गया था.
एवं प्रतिनियुक्ति को स्वत: रद्द कर दिया गया था. किंतु एएनएम कुरूणा कुमारी ने सारे आदेश की धज्जियां उड़ा दी. किंतु विभाग चुप्पी साधे रहा है. एक अन्य अन्य एएनएम कामनी कुमारी द्वारा भी नियमों व विभागीय आदेश की धज्जियां उड़ायी जा रही है. किंतु विभाग सोया है. इधर 8 एएनएम के कार्य को पीएचसी प्रभारी असंतोष जनक बताते हुये सेवा विस्तार नहीं करने की अनुशंसा की गयी. किंतु उक्त प्रक्रिया भी अधर में लटका है. पूरे मामले की भी जांच कर कार्रवाई की मांग चिकित्सक द्वारा की गयी है.
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