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ब्रेथलाइजर से की जायेगी शरािबयों की जांच
निर्देश. हानिकारक पदार्थ या मिश्रित शराब पीने से मृत्यु पर शराब विक्रेता को मृत्युदंड या आजीवन कारावास डुमरा : मद्य निषेध नीति को शत-प्रतिशत धरातल पर लागू करने की दिशा में प्रशासन के स्तर से एक और कदम आगे बढ़ाया गया है. इसके तहत अधिनियम के नये प्रावधानों के आलोक में कार्रवाई करने को लेकर […]
निर्देश. हानिकारक पदार्थ या मिश्रित शराब पीने से मृत्यु पर शराब विक्रेता को मृत्युदंड या आजीवन कारावास
डुमरा : मद्य निषेध नीति को शत-प्रतिशत धरातल पर लागू करने की दिशा में प्रशासन के स्तर से एक और कदम आगे बढ़ाया गया है. इसके तहत अधिनियम के नये प्रावधानों के आलोक में कार्रवाई करने को लेकर काफी मंथन चला. मंगलवार को समाहरणालय में मद्य निषेध के नये प्रावधानों पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. मौके पर डीएम राजीव रौशन ने कहा कि नयी उत्पाद नीति को प्रभावशाली बनाने के लिए उत्पाद विभाग, पुलिस व अभियोजन के बीच आपसी समन्वय जरूरी है.
ब्रेथलाइजर से होगी जांच
डीएम ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में वाहनों की सघन जांच के साथ हीं ब्रेथलाइजर से जांच की जायेगी कि अमुक व्यक्ति शराब के नशे में तो नहीं हैं. इसके लिए सभी थाना व पीएचसी को ब्रेथलाइजर उपलब्ध करायी जायेगी.
10 लाख तक का जुर्माना : हानिकारक पदार्थ मिश्रित शराब पीने से किसी की मृत्यु हो जाती है तो संबंधित शराब बिक्रेता को मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा होगी. साथ हीं कम से कम पांच लाख रुपया जुर्माना लगेगा. जुर्माना की राशि बढ़ा कर 10 लाख रुपये तक किया जा सकेगा. उक्त शराब से किसी व्यक्ति को विकलांगता या गंभीर क्षति होती है तो कम से कम 10 वर्षों के कठोर कारावास का प्रावधान किया गया है. इसे बढ़ा कर आजीवन कारावास किया जा सकेगा. कम से कम दो लाख रुपया जुर्माना भी लगेगा. यह राशि बढ़ा कर 10 लाख तक की जा सकेगी. हानिकारक शराब से आंशिक क्षति होने पर विक्रेता को आठ से 10 वर्षों का कारावास एवं एक लाख से 10 लाख तक जुर्माना हो सकता है. यदि किसी प्रकार की क्षति नहीं होती है तो भी विक्रेता को आठ से 10 वर्षों का कारावास व एक लाख से पांच लाख तक जुर्माना लगेगा.
तब 10 वर्षों का कारावास : नयी उत्पाद नीति में कार्रवाई का कड़ा प्रावधान किया गया है. अगर कोई व्यक्ति देशी शराब को विदेशी शराब बता कर बेचता है या बिक्री के लिए रखता है या दिखलाता है तो उसे कम से कम 10 वर्षों का कारावास होगा. इस सजा को बढ़ा कर आजीवन कारवास किया जा सकेगा. कम से कम एक लाख व अधिकतम 10 लाख तक जुर्माना भी लगेगा.
कम से कम पांच वर्षों की सजा
सार्वजनिक स्थानों पर मद्यपान करते पकड़े जाने पर पांच से सात वर्षों तक का कारावास व एक लाख से 10 लाख तक जुर्माना का प्रावधान है. अधिकृत स्थान पर भी शराब पीने पर सात से 10 वर्षों तक का कारावास एवं एक लाख से 10 लाख तक जुर्माना लगेगा. उक्त सारी बातों की जानकारी बैठक में दी गयी. बैठक में लोक अभियोजक अरुण कुमार सिंह, सदर, बेलसंड व पुपपरी एसडीओ क्रमश: संजय कृष्ण, सुधीर कुमार, किशोर कुमार, उत्पाद अधीक्षक भगवान राय, डीएसपी मुख्यालय राकेश कुमार, सदर डीएसपी राजीव रंजन, जीपी सुरेंद्र चौधरी, एपीपी सत्येंद्र कुमार तिवारी, नरेंद्र कुमार सिन्हा, गिरजा वर्मा व अजय गुप्ता के अलावा सभी सीओ, एपीपी व थानाध्यक्ष मौजूद थे.
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