2011 तक मुकेश ने बना रखा था शिवहर को सेफ जोन
सुपरवाइजर हत्या के बाद कायम हो गया लोगों में उसका खौफ शिवहर : विभिन्न आपराधिक मामलों के आरोपित शार्प शूटर मुकेश पाठक ने 2011 तक शिवहर को सेफ जोन के रूप में इस्तेमाल किया. अन्य जिलों में घटना को अंजाम देकर शिवहर व पुरनहिया के रास्ते नेपाल चला जाता था. 24 नवंबर 2011 को माओवादी […]
सुपरवाइजर हत्या के बाद कायम हो गया लोगों में उसका खौफ
शिवहर : विभिन्न आपराधिक मामलों के आरोपित शार्प शूटर मुकेश पाठक ने 2011 तक शिवहर को सेफ जोन के रूप में इस्तेमाल किया. अन्य जिलों में घटना को अंजाम देकर शिवहर व पुरनहिया के रास्ते नेपाल चला जाता था.
24 नवंबर 2011 को माओवादी एरिया कमांडर दोस्तीयां निवासी गौरी शंकर झा की हत्या में पहली बार उसका नाम सामने आया था, लेकिन तब इसे गंभीरता से नहीं मिला गया. इसी बीच गिरफ्तार होकर व शिवहर जेल में आ गया. शिवहर मंडल कारा में रहते हुए उसने वहां की लचर व्यवस्था का लाभ उठाया. शिवहर में जाल फैलाना शुरू किया. इसी बीच पेशी के दौरान अपहरण के मामले में बंद पूजा से उसकी नजरे मिली. बात प्यार व शादी तक पहुंच गयी.
न्यायालय के आदेश से दोनों की शादी हो गयी. जेल में रहते हुए उसने पैसे के बाद पर लोगों से दोस्ती बढ़ायी. इसी बीच विभिन्न तरह के बीमारियों का बहाना बनाकर सदर अस्पताल में इलाज करता रहा, जब 19 जुलाई 2015 को वह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया, तब उसके शातिर दिमाग का लोहा लोग मानने लगे. सैफ जवानों को जहरीली मिठाई खिलाकर वह जेल से फरार हो गया. इस मामले में पुलिस उसे रिमांड पर भी ले रही है. अब पुलिस मामले की तह तक जाना चाहती है.
इधर. एक मामला इसी बीच सामने आ गया, जब मुकेश पाठक जेल से फरार हो गया, तो करीब तीन माह बाद जेल प्रशासन ने उसकी पत्नी पूजा को खुदीराम बोस केंद्रीय कारा मुजप्फरपुर में भेज दिया. अब सवाल उठने लगा कि क्या मुकेश व उसके साथी जेल प्रशासन के मिली भगत से पूजा से मिलते थे.