पुपरी बाजार में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं

व्यवसायिक दृष्टिकोण से जिले का दूसरा सबसे बड़ा बाजार नगर पंचायत के साथ-साथ अनुमंडल का दर्जा भी है प्राप्त हो रही जिले का दर्जा देने की मांग गांव-देहात से आनेवालों को होती है परेशानी पुपरी : समय के साथ पुपरी अनुमंडल के विकास को देखते हुए इसे जिला का दर्जा देने की मांग की जा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2016 4:32 AM

व्यवसायिक दृष्टिकोण से जिले का दूसरा सबसे बड़ा बाजार

नगर पंचायत के साथ-साथ अनुमंडल का दर्जा भी है प्राप्त
हो रही जिले का दर्जा देने की मांग
गांव-देहात से आनेवालों को होती है परेशानी
पुपरी : समय के साथ पुपरी अनुमंडल के विकास को देखते हुए इसे जिला का दर्जा देने की मांग की जा रही है.
यह सच भी है कि सीतामढ़ी शहर के बाद व्यवसायी दृष्टिकोण से यह जिले का दूसरा सबसे बड़ा बाजार माना जाता है, किंतु दुर्भाग्य की बात यह है कि देश के अधिकांश हिस्सा में स्वच्छता अभियान की बयार चलने के बाद भी पुपरी नगर पंचायत में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं है.
जिसका परिणाम यह है कि पुरुषों की बात छोड़ दे तो किसी बाजार से काम से आने वाली महिलाओं को गली-मोहल्ला व सरकारी प्रतिष्ठानों के आसपास बैठना पड़ता है.
ऐसे में अगर कोई राहगीर गुजर जाये, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि नगर पंचायत की उदासीनता के कारण प्रतिदिन पुपरी बाजार में महिला रूपी लज्जा को लज्जित होना पड़ता है.
गांव-देहात से आने वाले लोगों को शौच आने पर बाजार से एक किमी दूर बुढ़नद नदी की ओर जाना पड़ता है.
समुचित प्रयास के अभाव में शौचालय का अभाव : स्थानीय चंदन कुमार ठाकुर, राजीव कुमार, डॉ कुमकुम सिन्हा, चंद्रकांत झा, राकेश कुमार झा व सुनील नायक समेत अन्य लोगों ने बताया कि अब तक सार्वजनिक शौचालय का निर्माण नहीं होना दुर्भाग्य की बात है. इस कारण महिलाओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
हालांकि कुछ जनप्रतिनिधियों के प्रयास के बाद भी सार्वजनिक शौचालय का निर्माण नहीं हो सका. अत: कहा जा सकता है कि उन्होंने समुचित प्रयास नही किया, अगर किया होता तो यह कोई असंभव कार्य नहीं है.
शहर में बिहार सरकार व जिला परिषद की काफी जमीन है, जिस पर स्थानीय लोगों का अवैध कब्जा है. राज कुमार मंडल, अरविंद कुमार अमित, ब्रज मोहन चौधरी उर्फ भूषण जी आदि लोगों ने बताया कि शहर में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं होने की निंदा करते हुए नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी व अध्यक्ष से निर्माण कार्य की मांग की है.
महिलाओं को होती है अिधक परेशानी
जगह नहीं मिलने से योजना प्रभावित
इस संबंध में नगर अध्यक्ष मनोज कुमार यादव ने बताया कि सार्वजनिक शौचालय निर्माण के लिए उनके ओर से कई बार कोशिश की गयी, लेकिन जगह नहीं मिलने के कारण इस योजना को अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका. शहर के नागरिकों का सहयोग आवश्यक है. इस दिशा में फिर से प्रयास किया जाएगा. यदि जगह मिल जाती है, तो जल्द ही आवश्यक स्थानों पर सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण कराया जायेगा.

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