गिरफ्तार दोनों बिचौलियों को जेल, मचा हड़कंप
शिवहरः डीटीओ कार्यालय के कर्मियों की मिलीभगत से काम कराने के आरोप में गत दिन दो बिचौलिये पकड़े गये थे. दोनों को स्थानीय न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. गिरफ्तारी के दिन चर्चा थी कि दोनों आरोपितों को निगरानी कोर्ट, मुजफ्फरपुर में भेजा जायेगा, क्योंकि यह मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है. चर्चा कर […]
शिवहरः डीटीओ कार्यालय के कर्मियों की मिलीभगत से काम कराने के आरोप में गत दिन दो बिचौलिये पकड़े गये थे. दोनों को स्थानीय न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. गिरफ्तारी के दिन चर्चा थी कि दोनों आरोपितों को निगरानी कोर्ट, मुजफ्फरपुर में भेजा जायेगा, क्योंकि यह मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है. चर्चा कर रहे लोगों का तर्क था कि सीतामढ़ी डीटीओ कार्यालय के समीप गत दिन हुई छापेमारी में आधा दर्जन बिचौलिये पकड़े गये थे और सभी को निगरानी कोर्ट में पेश किया गया था. भ्रष्टाचार के मामले में अब जिनकी भी गिरफ्तारी होगी उन्हें निगरानी कोर्ट में पेश किया जायेगा.
बिचौलिये सतर्क
कड़ी मशक्कत के बाद जिला पुलिस ने गत दिन डीटीओ कार्यालय के समीप से दो बिचौलिये क्रमश: शशि भूषण प्रसाद व जाकिर हुसैन उर्फ लालबाबू को दबोचा था. वहीं अन्य बिचौलिये फरार होने में सफल रहे थे. जानकारों का मानना है कि अन्य बिचौलियों को छापेमारी होने का एहसास हो गया होगा. इसी कारण वे पुलिस की पकड़ में नहीं आ सके. उक्त कार्रवाई से डीटीओ कार्यालय से जुड़े बिचौलियों के अलावा अन्य कार्यालयों से जुड़े रहे बिचौलिये भी सतर्क हो गये हैं. डीएम कुमार विनोद नारायण सिंह ने तमाम प्रशासनिक पदाधिकारियों व कर्मियों को कड़ी चेतावनी दी है और कहा है कि भ्रष्टाचार के छोटेमामले में भी पकड़े गये तो सीधे सेवा से बरखास्त कर दिया जायेगा. इस चेतावनी के बाद से सभी सरकारी सेवक सहमे हुए हैं.
कार्यालय पर 300 रुपये खर्च
नगर थानाध्यक्ष राकेश गोसाईं ने बताया कि दोनों बिचौलियों से कड़ी पूछताछ की गयी है. पुलिस भ्रष्टाचार के इस पूरे खेल व इसमें शामिल खिलाड़ियों को बेनकाब करने में लगी हुई है. बिचौलियों ने पुलिस को बताया कि ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के नाम पर पार्टी से हजार रुपये लिया जाता है, जिसमें से 250 से 300 रुपये ऑफिस पर खर्च करना पड़ता है. हालांकियह नहीं बताया है कि आखिर पैसे डीटीओ कार्यालय के कौन-कौन से कर्मी लेते थे. पुलिस उन कर्मियों के नामों का पता लगाने की योजना बनायी है.
लाइसेंसी की तरह रहते थे बैठे
समाहरणालय व जिला परिषद कार्यालय के समीप कल तक करीब एक दर्जन बिचौलिये सक्रिय रहते थे. सबों का एक ही काम था डीटीओ कार्यालय से मिल कर लोगों का ड्राइविंग लाइसेंस व वाहन से संबंधित अन्य कार्य कराना.
सब के सब मानों ऐसे बैठे रहते थे, जैसे की उन्हें इस अवैध धंधे का लाइसेंस प्राप्त हो. कार्रवाई नहीं होने से इन बिचौलियों में डर नाम का कोई चीज हीं नहीं था. कल तक अधिकारियों की भी इन बिचौलियों पर नजर पड़ती थी, मगर कतिपय कारणों से अधिकारी बिचौलियों की खोज-खबर नहीं लेते थे. इसमें दो मत नहीं कि डीएम कुमार विनोद नारायण सिंह व एसपी सुनील कुमार की सख्ती के बाद सरकारी सेवक सहमे हैं और कार्यालय के आसपास बिचौलिये नजर नहीं आ रहे हैं.