नोटबंदी: पैसे देने में लाचार है एटीएम, लोग परेशान
खेती के लिये पैसे निकालने के लिए किसानों के छूट रहे पसीने लगा रहे बैंको का चक्कर शिवहर :नोट बंदी के बाद बैंकों के एटीएम में दस्तक देने वाले लोगों की भीड़ अभी तक कम नहीं हो रही है. दूसरे शब्दों में कहे तो लोगों के आर्थिक जरूरत को पूरा करने में एटीएम की व्यवस्था […]
खेती के लिये पैसे निकालने के लिए किसानों के छूट रहे पसीने
लगा रहे बैंको का चक्कर
शिवहर :नोट बंदी के बाद बैंकों के एटीएम में दस्तक देने वाले लोगों की भीड़ अभी तक कम नहीं हो रही है. दूसरे शब्दों में कहे तो लोगों के आर्थिक जरूरत को पूरा करने में एटीएम की व्यवस्था लाचार नजर आ रही है.
शिवहर कृषि आधारित जिला है. किंतु कृषि कार्य में राशि का अभाव रूकावट पैदा कर रहा है. जिसके कारण खेती के लिए पैसा निकालने एटीएम तक आये किसानों में क्षोभ व्याप्त है. सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक कार्यालय स्थित एटीएम के पास लोगों की काफी भीड़ देखी गयी. कुछ लोग एचडीएफसी बैंक एटीएम के लाइन में खड़े थे.
किंतु उसमें राशि समाप्त होने के कारण लोगों को भारतीय स्टेट बैंक के लाइन में खड़ा होना पड़ा. उमेद छपड़ा निवासी कामोद पांडेय ने एटीएम की व्यवस्था पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि वे जिले के बैंक ऑफ बड़ाैदा, यूको बैंक, पीएनबी, केनरा समेत अन्य बैंकों के एटीएम का चक्कर लगाकर लास्ट में एचडीएफसी बैंक के एटीएम के लाइन में खड़े हो गये. किंतु दो घंटा लाइन में खड़ा रहने पर कैश समाप्त होने की सूचना मिली.उसके बाद भारतीय स्टेट बैंक एटीएम के लाइन में खड़े हैं. हालांकि उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक के सेवा की सराहना की. बहुआरा गांव निवासी अवनीष कुमार ने बताया कि वह दिल्ली में रहता है. हाल में ही घर लौटा है. सोचा घर जाकर पैसा निकालकर घरेलू काम कर लेगा. वही पैसा निकालकर खेती का कार्य करा लेगा. किंतु तीन दिनों से एटीएम का चक्कर लगा रहा है.
सोमवार को एचडीएफसी बैंक के लाइन में खड़ा था. किंतु कैश समाप्त होने की जानकारी के बाद भारतीय स्टेट बैंक के लाइन में खड़ा हो गया हूं. उसने चिंता व्यक्त किया कि शाम तक पैसा निकाल पाता हूं या खाली हाथ घर लौटना पड़ेगा कहना मुश्किल है. ताजपुर के चंदन कुमार व रोहुआ के कमलेश कुमार भी इसी तरह की समस्या से जूझ रहे थे. उक्त सभी लोगों का कहना था कि जिले के अधिकतर एटीएम बंद पाया जाता है. अगर कोई खुला पाया गया तो कैश की समस्या रहती है.
कहा कि खाद, बीज के दुकानदार पुराने नोट लेने से कतरा रहा है. बनिया धान लेने में आनाकानी कर रहा है. ऐसे में बैंक से भी राशि नहीं मिलने से किसान हलकान हैं. मालूम हो कि विगत करीब दो दिन पूर्व नरवारा में भी बैंक द्वारा चार पांच घंटे लाइन में खड़ा कराने के बाद पैसा नहीं देने के कारण लोगों ने शिवहर-मुजप्फरपुर पथ को जाम कर दिया था.
एटीएम से नहीं निकल रहा पैसा : पुपरी . नगर स्थित विभिन्न बैंकों की एक भी एटीएम से सोमवार को पैसा नहीं निकला. लिहाजा लोग को पैसे के लिए अधिक परेशानी दिखे. कतार में लगे लोगों ने बताया कि सरकार ने एटीएम से पैसा देने की घोषणा कर रखी हैं. बावजूद एक भी एटीएम में पैसा नहीं है. बैंक ऑफ के प्रबंधक ओमप्रकाश आर्या ने बताया कि जो भी ग्राहक बैंक में आ रहे हैं, सभी का काम हो रहा है. पर्याप्त मात्रा में कैश नहीं होने के चलते परेशानी हो रही है. जल्द हीं स्थिति सामान्य हो जायेगी.
पैसे की निकासी में महिला व वृद्धों को अधिक परेशानी : सुरसंड . प्रखंड के बैंकों में सोमवार को भी काफी भीड़ देखी गयी. लोगों को रुपये जमा व निकासी में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. सुबह से ही महिला व वृद्ध जन एटीएम के लाइन में खड़े होते हैं, पर पैसा नहीं मिलने पर उन्हें निराश होकर लौट जाना पड़ता है. वहीं, बैंक खुलते ही लाइन में लगे लोग अंदर घुसने के लिए टूट पड़ते हैं, जिसमें वृद्ध व महिलाओं को काफी परेशानी होती है.
भारतीय स्टेट बैंक एटीएम के लाइन में अपनी बारी का इंतजार करते लोग.
पीएनबी में लगी ग्राहकों की भीड़ .
घोषणा के अनुरूप नहीं मिल रहा कैश : पुपरी . पांच सौ व एक हजार के नोट बंदी के 13 दिन बाद भी लोगों को बैंक से कैश नहीं मिल पा रहा है. यह बात अलग है कि सुबह से लेकर शाम तक सभी बैंकों में लगने वाली कतार में कमी आयी है, पर बैंकों द्वारा सरकार के घोषणा के अनुरूप लोगों को पैसे नहीं मिल रहे हैं. इसको लेकर लोग परेशानी हो रहे हैं. सरकार की ओर से घोषणा किया गया कि खाताधारकों को खाता से 24 हजार तक रुपये दिया जायेगा, पर स्थानीय एसबीआइ दस हजार व अन्य बैंक दो हजार से पांच हजार तक ही कैश दे पा रहे हैं. उनका कहना है कि जितना पैसा रहेगा उसी हिसाब से ग्राहकों को दिया जायेगा. लिहाजा बाजार की स्थिति सामान्य नहीं हो पा रही है. लोग आवश्यक अपने आवश्यकता को पूरा नहीं कर पा रहे हैं. पीएनबी के प्रबंधक पांडेय अमन आनंद ने बताया कि बहुत जल्द स्थिति सामान्य हो जाएगी.