शेखपुरा:बिहार केशेखपुरामें जन्म से ही पूरी तरह एनिमिक नवजात की मौत के बाद परिजनों ने गुरुवार को सदर अस्पताल के एसएनसीयू में जमकर हंगामा मचाया. इस दौरान परिजनों ने एसएनसीयू के चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही का भी आरोप लगाया है. शेखपुरा प्रखंड के पथलाफर गांव निवासी पीड़ित पिता भूषण यादव ने इस घटना को लेकर बताया कि 20 जून को नवजात का जन्म हुआ था. गंभीर अवस्था में उसे उपचार के लिए एसएनसीयू में भर्ती कराया गया था. लेकिन, वहां चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही के कारण बच्चे ने दम तोड़ दिया. परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि एसएनसीयू में चींटियों का झुंड बच्चे में लग जाने के कारण उसकी मौत हो गयी.
वहीं, सिविल सर्जन डॉ. मृगेंद्र प्रसाद सिंह ने इन आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि 20 जून को भूषण यादव की विवाहिता अपने पुत्र को जन्म दिया था. लेकिन, नवजात का वजन मात्र 1100 ग्राम होने के कारण उसकी स्थिति काफी चिंताजनक थी. प्रारंभिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने उसे 21 जून की रात्रि को ही तीन-तीन बार रेफर कर दिया था. लेकिन, भूषण यादव ने लिखित तौर पर आर्थिक तंगी के कारण नवजात को बाहर नहीं ले जाने की लाचारी बता कर एसएनसीयू शेखपुरा में ही इलाज करने की गुजारिश की थी. इसके बाद भी चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी लगातार नवजात का उपचार करते रहे. आखिरकार गुरुवार की सुबह नवजात ने उपचार के दौरान ही दम तोड़ दिया.
सिविल सर्जन ने बताया कि इस घटना की सूचना मिलते ही पीड़ित परिजनों को घर जाने के लिए अस्पताल का वैन भी उपलब्ध कराया गया. लेकिन, वह उस पर नहीं सवार हो सके. सिविल सर्जन ने कहा कि एसएनसीयू में आमतौर पर आधे दर्जन से अधिक नवजात का उपचार चलता रहता है. ऐसी स्थिति में वहां संक्रमण से बचाव के लिए काफीउपायकिया जाता है. वहां चींटियों के जाने की कोई गुंजाइश नहीं है. हालांकि, उन्होंने पीड़ित परिजनों की शिकायत की जांच के लिए एसीएमओ को निर्देशित किया है. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही इस मामले में स्थिति अस्पष्ट हो पायेगी.