निजी क्लिनिक में ऑपरेशन करते रहे चिकित्सक, प्रसव पीड़ा में प्रसूता की अस्पताल में हो गयी मौत, चिकित्सक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
शेखपुरा : निजी क्लिनिक में मरीजों के ऑपरेशन के लिए तबीयत खराब का बहाना कर चिकित्सक के अस्पताल नहीं आने पर प्रसव पीड़ा से तड़पती प्रसूता ने दम तोड़ दिया. घटना के बाद मृतका के शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई पूरी की. बुधवार देर रात हुई इस घटना के बाद […]
शेखपुरा : निजी क्लिनिक में मरीजों के ऑपरेशन के लिए तबीयत खराब का बहाना कर चिकित्सक के अस्पताल नहीं आने पर प्रसव पीड़ा से तड़पती प्रसूता ने दम तोड़ दिया. घटना के बाद मृतका के शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई पूरी की. बुधवार देर रात हुई इस घटना के बाद सदर अस्पताल के सर्जन डॉ पुरुषोत्तम के विरुद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
घटना में मृतका कंचन देवी लखीसराय जिले के बिरूपुर थाने के गिरधर पुर गांव निवासी बलराम महतो की पत्नी है. गर्भवती होने पर पिछले कुछ दिनों से शेखपुरा के महसार गांव स्थित मायके में कंचन रह रही थी. इसी दरमियान में प्रसव पीड़ा होने पर कंचन के भाई राम प्रवेश कुमार ने 26 जून को सदर अस्पताल में भर्ती कराया था. यहां चिकित्सकों ने प्रसूता को बताया कि प्रसव के लिए ऑपरेशन करना होगा. इस दरमियान सदर अस्पताल के सर्जन डॉ के पुरुषोत्तम ने सभी तरह के जरूरी जांच भी कराये.
कंचन के पति बालराम मंडल ने बताया कि अस्पताल में भर्ती कराने के बाद बुधवार को ऑपरेशन का समय निर्धारित कर सर्जन ने एनएम को जरूरी दवा देने का निर्देश दिया. प्रसूता को ऑपरेशन के लिए स्लाइन एवं इंजेक्शन भी लगाये गये. लेकिन, लगातार संपर्क करने के बावजूद ऑपरेशन के लिए सर्जन अस्पताल नहीं पहुंचे और प्रसव पीड़ा में तड़पते हुए प्रसूता ने अपनी जान गंवा दी.
एसडीपीओ ने खंगाला आरोपित सर्जन का निजी क्लिनिक
सदर अस्पताल में चिकित्सक की लापरवाही से प्रसूता और उसके पेट में पल रहे शिशु की मौत ने पूरे स्वास्थ्य महकमा की पोल खोल कर रख दी है. इस घटना में मृतका के भाई द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी पर गुरुवार सुबह एसडीपीओ अमित शरण मामले की छानबीन करने पहले सदर अस्पताल पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पीड़ित के परिजनों को समझा-बुझा कर कार्रवाई का आश्वासन दिया. वहीं, इस घटना से जुड़े साक्ष्य जुटाने के लिए एसडीपीओ रेलवे स्टेशन रोड स्थित आरोपित सर्जन के निजी क्लिनिक पहुंचे. वहां चिकित्सक की अनुपस्थिति में कंपाउंडर से कई अहम जानकारी ली. साथ ही वहां भर्ती मरीजों से बारी-बारी पूछताछ भी की.
निजी क्लिनिक पहुंचने पर पता चला कि ऑपरेशन करने में व्यस्त हैं सर्जन
एसडीपीओ ने बताया कि पीड़ित परिजनों का आरोप है कि बार-बार दूरभाष पर सर्जन से संपर्क नहीं होने पर जब वे उनके निजी क्लिनिक पहुंचे, तो वहां ड्यूटी पर काम कर रहे कंपाउंडर ने उन्हें कई अहम जानकारी दी. आरोपित सर्जन द्वारा बुधवार दोपहर 12:00 बजे से ही ऑपरेशन में व्यस्त होने की बात कह कर उन्हें वापस लौटा दिया. मामले में जब पीड़ित के परिजनों की गुहार पर जिलाधिकारी दिनेश कुमार ने सिविल सर्जन मृगेंद्र प्रसाद सिंह को अविलंब सर्जन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया, तब डॉक्टर अशोक कुमार को तत्काल वहां भेजा गया. लेकिन, तब तक देर हो चुकी थी. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिजनों द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस इस तथ्य को जुटाने में लगी है कि सदर अस्पताल में ड्यूटी के बावजूद आरोपित सर्जन निजी क्लिनिक में ऑपरेशन कर रहे थे.
घटना के दिन ऑपरेशन करने के जुटाये साक्ष्य
एसडीपीओ ने बताया कि घटना के दिन आरोपित चिकित्सक के निजी क्लिनिक में ऑपरेशन करानेवाले अरियरी के विसहिया गांव निवासी मिथिलेश विद की पत्नी समुद्री देवी, शेखपुरा के सरमैदान गांव निवासी मिथुन कुमार, पैनका निवासी रामस्वरूप मांझी, धर्मपुर गांव निवासी महेश कुमार समेत अन्य लोगों का बुधवार दोपहर 12:00 बजे से रात 11:00 बजे तक पथरी का ऑपरेशन किये जाने का साक्ष्य एकत्रित किया गया है.उन्होंने बताया कि इस मामले में जांच प्रक्रिया पूरी करने के बाद चिकित्सक के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी.
चिकित्सक पर कार्रवाई को लेकर जदयू ने खोला मोर्चा
लापरवाह चिकित्सक और स्वास्थ्य व्यवस्था में आ रही गिरावट को लेकर जदयू ने मोर्चा खोल दिया है. गुरुवार को जदयू के जिलाध्यक्ष डॉ अर्जुन प्रसाद, जदयू के प्रदेश महासचिव राजेंद्र प्रसाद यादव के नेतृत्व में 10 सदस्यीय शिष्टमंडल जिलाधिकारी और आरक्षी अधीक्षक से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा. साथ ही जदयू ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भेज कर मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है.