मरीजों का हाल पूछने पहुंची जिप अध्यक्ष से अस्पताल में दुर्व्यवहार, धरने पर बैठे जीप अध्यक्ष व सदस्यों ने क्या कहा, देखें वीडियो
शेखपुरा : जिले में दो दिवसीय राज्यव्यापी हड़ताल को लेकर सदर अस्पताल में बदहाली की शिकायत पर जिला परिषद अध्यक्ष मरीजों का हाल जानने अस्पताल पहुंची. इस दौरान जिप अध्यक्ष निर्मला सिंह और अन्य सदस्यों से अस्पताल कर्मियों द्वारा दुर्व्यवहार करने का मामला सामने आया है. इस मौके पर जिला परिषद उपाध्यक्ष रंजीत कुमार उर्फ […]
शेखपुरा : जिले में दो दिवसीय राज्यव्यापी हड़ताल को लेकर सदर अस्पताल में बदहाली की शिकायत पर जिला परिषद अध्यक्ष मरीजों का हाल जानने अस्पताल पहुंची. इस दौरान जिप अध्यक्ष निर्मला सिंह और अन्य सदस्यों से अस्पताल कर्मियों द्वारा दुर्व्यवहार करने का मामला सामने आया है. इस मौके पर जिला परिषद उपाध्यक्ष रंजीत कुमार उर्फ बुधन भाई, जिला परिषद सदस्य अजय कुमार समेत अन्य लोग भी मौजूद थे. जिप अध्यक्ष अपने सदस्यों के साथ जिम्मेवार कर्मियों और लापरवाह चिकित्सकों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर अस्पताल परिसर में ही धरने पर बैठ गयी. उनके साथ जिला परिषद सदस्य भी जिलाधिकारी को बुलाने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गये.
सदर अस्पताल में चिकित्सकों की अनुपस्थिति और इलाज नहीं होने की मिल रही थी शिकायतें
जिप अध्यक्ष ने कहा कि दूरभाष पर उन्हें लगातार अस्पताल में चिकित्सकों के उपलब्ध नहीं होने और सही इलाज नहीं मिलने की शिकायतें मिल रही थीं. इन शिकायतों के मद्देनजर जब अस्पताल पहुंची, तो देखा डॉक्टरों की सभी चेंबर बंद पड़े थे. उसके बाद सिविल सर्जन से दूरभाष पर बात की. सिविल सर्जन ने उपाधीक्षक के चेंबर में बैठने के लिए कहा. साथ ही चिकित्सकों को तुरंत भेजने का आश्वासन दिया. लेकिन, जब जिप अध्यक्ष वहां पहुंची, तब वहां तैनात कर्मियों ने चेंबर खोलने से भी मना कर दिया. कर्मियों के इस रवैये से क्षुब्ध जिप अध्यक्ष एवं सदस्यों ने स्वास्थ्य महकमा के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया.
15-20 वर्षों से एक ही स्थान पर जमे हैं चिकित्सक
जिप उपाध्यक्ष रंजीत कुमार बुधन भाई ने कहा कि दुर्भाग्य है कि शेखपुरा जैसे पिछड़े जिले में अधिकतर चिकित्सक 15 से 20 सालों से एक ही स्थान पर जमे हैं. सदर अस्पताल में ड्यूटी करने के बजाये वह अपने निजी क्लिनिक में ज्यादा समय देना उचित समझते हैं. चिकित्सकों के इसी रवैये ने महसार की कंचनदेवी की जान ले ली. वहीं, जिप सदस्य अजय कुमार ने कहा कि अस्पतालों में चिकित्सकों के रवैये पर अंकुश लगाने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए. सदर अस्पताल में कुव्यवस्था को लेकर सिविल सर्जन से लेकर जिला प्रशासन के आला अधिकारियों को भी जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार को जांच कर ठोस कदम उठाने चाहिए.
लापरवाह चिकित्सकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग
आंदोलन कर रहे जिप अध्यक्ष और सदस्यों ने लंबे समय से सदर अस्पताल में जमे चिकित्सकों के तबादले और लापरवाह चिकित्सकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने की मांग की है. मामले में दोपहर बाद सदर अस्पताल पहुंचे सीएस ने काफी मान-मनौव्वल कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन जिप सदस्य नहीं माने और जिलाधिकारी को बुलाने की मांग करते हुए धरने पर बैठ गये.