डिफाॅल्टर मिलरों को करें गिरफ्तार

शेखपुरा : जिला प्रशासन ने जिले के सभी डिफाॅल्टर राइस मिलरों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है. सरकारी दर पर किसानों से लिया गया धान का चावल तैयार कर सरकार को वापस नहीं करने पर मुकदमा दिया गया था. जिले में 12 ऐसे डिफाॅल्टर राइस मिलरों पर मुकदमा किया गया था. किश्तों में राशि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 10, 2017 6:23 AM

शेखपुरा : जिला प्रशासन ने जिले के सभी डिफाॅल्टर राइस मिलरों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है. सरकारी दर पर किसानों से लिया गया धान का चावल तैयार कर सरकार को वापस नहीं करने पर मुकदमा दिया गया था. जिले में 12 ऐसे डिफाॅल्टर राइस मिलरों पर मुकदमा किया गया था. किश्तों में राशि जमा करने की शर्त पर मिलरों को जमानत की सुविधा देते हुए हाइकोर्ट ने राहत दी थी, लेकिन हाइकोर्ट के द्वारा निर्धारित समय सीमा बीत जाने के बाद भी चावल के बदले राशि नहीं जमा करवाया जा सका है. आधिकारिक सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिलाधिकारी व एसपी मामले की समीक्षा कर रहे थे.

थाना में दर्ज मुकदमों के अलावा रुपयों की उगाही के लिए नीलाम वाद यानी सर्टिफिकेट केस भी किया गया है. बैठक में यह जानकारी दी गयी है कि कई डिफाॅल्टर मिलर के पास संपत्ति के नाम पर कुछ नहीं है. बैठक में पुलिस पदाधिकारियों ने बताया कि उच्च न्यायालय के निर्देश पर आगे की कार्रवाई के लिए संबंधित अंचलाधिकारी से राइस मिलर के संपत्ति का ब्योरा मांगा गया था. अंचलाधिकारी के इस रिपोर्ट पर जिलाधिकारी व एसपी भड़क गये तथा इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया. बैठक में ही बताया कि बिना संपत्ति के राइस मिल का संचालन व बैंक से गारंटी अादि प्राप्त करना कैसे संभव है. इस मामले में पुनः सघनता से जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया था फिर कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा है. जिले के 12 राइस मिलरों के खिलाफ जिला के विभिन्न थाना में मुकदमा दर्ज है.

इस मामले में पूरे जिले में 10 करोड़ रुपये से ज्यादा के सरकारी चावल गबन का आरोप लगाया गया है. अब राज्य खाद्य निगम के अधिकारी के साथ-साथ इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी करने वाले जिला प्रशासन के अधिकारी से भी पूछताछ की जा रही है. उनकी सहभागिता के बारे में आंकड़े और तथ्य इकट्ठा किये जा रहे हैं.

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