परिजनों को संदीप के होश में आने का था इंतजार
हादसा चिकित्सक और कर्मियों ने परिजनों को आधे घंटे तक मौत की नहीं दी थी जानकारी शेखपुरा : टाउन थाना क्षेत्र के मटोखर गांव के समीप सड़क हादसे में गंभीर रूप से जख्मी संदीप को जब उपचार के लिए सदर अस्पताल लाया गया तब करीब 15 मिनट इलाज के बाद ही उसने दम तोड़ दिया. […]
हादसा चिकित्सक और कर्मियों ने परिजनों को आधे घंटे तक मौत की नहीं दी थी जानकारी
शेखपुरा : टाउन थाना क्षेत्र के मटोखर गांव के समीप सड़क हादसे में गंभीर रूप से जख्मी संदीप को जब उपचार के लिए सदर अस्पताल लाया गया तब करीब 15 मिनट इलाज के बाद ही उसने दम तोड़ दिया. इस घटना क्रम में संदीप की मौत के बाद भी करीब आधे घंटे तक परिजन उसके होश में आने का इंतजार करते रहे, लेकिन उन्हें जब अपने लाडले की मौत खबर मिली तो सबके होश उड़ गये. स्थानीय होने के कारण चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी किसी अनहोनी के भय से परिजनों को मौत की जानकारी देने में कतरा रहे थे.
आखिरकार मृतक के पिता ने जब डॉक्टर से पूछा कि हमारे लाड़ले की श्वास नहीं चल रही तब भी डॉक्टर ने कोई जवाब नहीं दिया. आखिरकार पड़ोसियों द्वारा ही डॉक्टर से मिली जानकारी के बाद परिजनों को उनके लाड़ले की मौत की खबर मिली. बुधवार की सुबह करीब 9:30 बजे शहर के कमिश्नरी बाजार निवासी उपेंद्र मालाकार का 25 वर्षीय पुत्र संदीप कुमार, भागलपुर के सलोखर निवासी विनय मालाकार के पुत्र बिट्टू के साथ मटोखर दह पर पूजा करने जा रहे थे.
इसी क्रम में विपरीत दिशा से आ रहे ट्रैक्टर में लगे केजभील से बाइक सवार को ट्रैक्टर चालक ने रौंद दिया. इस घटना में संदीप की मौत सदर अस्पताल में ही इलाज के दौरान हो गयी. जबकि उनका साला गंभीर रूप से जख्मी हो गया. संदीप की करीब दो वर्ष पूर्व ही भागलपुर की किरण के साथ शादी हुई थी. संदीप को एक बेटा भी है. हादसे ने किरन से उसका सुहाग और मासूम बच्चे से बाप सहारा छीन लिया.
ट्रैक्टर में लाउडस्पीकर नहीं बज रहा होता तो बच सकती थी जान:
कहते हैं सावधानी हटी दुर्घटना घटी, बुधवार को मटोखर रोड में हुए सड़क हादसे ने इस उक्ति को चरितार्थ किया है. वैसे जिले में परिवहन नियमावली कि जिस कदर धज्जियां उड़ रही है. उसमें यात्री वाहनों में लगे लाउडस्पीकर भी एक बड़ा कारण देखा गया है. बुधवार को हुए इस सड़क हादसे में अगर ट्रैक्टर चालक तेज ध्वनि में लाउडस्पीकर बजाकर गाड़ी नहीं चला रहा होता अथवा व्यस्त सड़क मार्ग केजभील लगा ट्रैक्टर नहीं चलाया जा रहा होता, तब शायद यह घटना नहीं घटती. जिले में सड़क मार्ग पर चलने वाले टेंपो यात्री बस से लेकर ट्रैक्टरों में लाउडस्पीकर का प्रचलन जोरों पर है. पिछले सप्ताह अभी शहर के खांडपर मोहल्ले में एक टेंपो चालक द्वारा लाउडस्पीकर बजाकर तेज रफ्तार में जाने के दौरान एक बाइक सवार पुलिसकर्मी दुर्घटना के शिकार हो गया था. इस हादसे में वह बाल-बाल तो बच गया, लेकिन उन्हें चोटें आईं. लगातार एक के बाद एक घटनाओं जहां सिलसिला जारी है. वहां जिले में वाहनों के अंदर लाउडस्पीकर बजाने की प्रथा पर परिवहन विभाग व स्थानीय पुलिस द्वारा रोक नहीं लगायी जा रही है.
आश्रितों को मिली पारिवारिक लाभ की राशि:हादसे के तीन घटे बाद तक सड़क जाम कर रहे परिजनों को आखिरकार पारिवारिक लाभ के तहत 20 हजार रुपये का चेक मुहैया कराया गया. इस मौके पर शेखपुरा बीडीओ सुनील कुमार चांद, सीओ पंकज कुमार ने काफी मशक्कत के बाद आक्रोशितों को शांत कराया. इस मौके पर अधिकारियों ने परिजनों को उचित मुआवजे के लिए सहयोग करने का भरोसा जताया. फिर सड़क मार्ग पर आवागमन शुरू हुआ. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया.