Loading election data...

बिहार : शेखपुरा में नियमों को धता बताकर चलायी जा रही है दाल मील, मजदूर हो रहे मौत के शिकार

शेखपुरा: जिले में संचालित डेढ़ दर्जन से अधिक दाल मिलों में विभागों के द्वारा निर्धारित मापदंडों की अनदेखी की जा रही है. नियमों की अनदेखी का खामियाजा मजदूरों को भुगतना पड़ रहा है. गुरुवार को शहर के लालबाग मोहल्ले में सुरक्षा मापदंडों की अनदेखी के कारण दाल मिल के बेल्ट की चपेट में आ जाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2017 4:09 PM

शेखपुरा: जिले में संचालित डेढ़ दर्जन से अधिक दाल मिलों में विभागों के द्वारा निर्धारित मापदंडों की अनदेखी की जा रही है. नियमों की अनदेखी का खामियाजा मजदूरों को भुगतना पड़ रहा है. गुरुवार को शहर के लालबाग मोहल्ले में सुरक्षा मापदंडों की अनदेखी के कारण दाल मिल के बेल्ट की चपेट में आ जाने से एक महिला मजदूर की मौत हो गयी. महिला मजदूर की मौत के इस घटना ने जिले में संचालित दाल मिलों की स्थितियों पर बड़े सवाल खड़े किये हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि संचालित दाल मिलों पर फिलहाल जिला प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है. ऐसी स्थिति में किसी भी अनहोनी की घटना के बाद पीड़ित मजदूरों और उनके आश्रितों को उचित मुआवजे का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

शहर में दर्जनों दाल मिल

जिले में दाल मिल की संख्या ऐसे तो डेढ़ दर्जन से भी अधिक बतायी जाती है. लेकिन इसके लिए इसके लिए निर्धारित मानदंडों पर खरा उतरने वाला एक भी राइस मिल नहीं है. जिला मुख्यालय की स्थितियों पर अगर नजर डालें तो यहां कटरा चौक से बुधौली तक जाने वाले बिचली गली दाल मिल के लिए हब माना जाता है. यहां लगभग एक दर्जन दाल मिल संचालित है. जहां प्रत्येक दाल मिल 10 मजदूरों के दर से लगभग सवा सौ मजदूर काम करते हैं. दाल मिल में मजदूरों के रूप में ज्यादा महिलाओं को ही काम दिया जाता है. क्योंकि महिलाएं सस्ती मजदूरी पर अधिक काम का निष्पादन करती है. ऐसी स्थिति में दाल मील संचालकों के द्वारा मजदूरों के जीवन दांव पर लगाकर अपने कारोबार को अंजाम दे रहे हैं.

हादसे से सबक लेने की जरूरत

जिले में दाल मिल संचालन की स्थितियों पर अगर नजर डालें तो यहां सरकारी प्रावधान के मुताबिक सर्वप्रथम उद्योग विभाग से अनुज्ञप्ति प्राप्त करना होता है. इसके बाद पर्यावरण क्लियर फिकसेशन,जीएसटी एवं लेबर लाइसेंस के साथ साथ मजदूरों की सुरक्षा और बीमा सुविधा अनिवार्य है. इसके बावजूद ना तो दाल मिल संचालक उद्योग विभाग से अनुज्ञप्ति हासिल करने में पूरी प्रक्रिया को पूरा कर रहे है और ना ही मजदूरों के हितों में सुरक्षा मानकों का ख्याल रखा जाता है. बृहस्पतिवार को शहर के चक्रवात मोहल्ले में दाल मिल में ही काम कर रही एक महिला का बेल्ट में फंसकर मौत और आनन-फानन में मिल संचालक के द्वारा शव को गायब कर दिये जाने की घटना से जिला प्रशासन को सबक लेने की जरूरत है. बिना सुरक्षा मानकों का पालन किये हैं यहां धड़ल्ले से संचालित दाल मिल पर प्रशासनिक शिकंजा ही मजदूरों के जीवन रक्षा का आधार बन सकता है.
अधिकारी कहते हैं.

संबंधित पदाधिकारी ने कही यह बात

दाल मिलों के बारे में बात करने पर क्षेत्र पदाधिकारी उद्योग विभाग शेखपुरा कहते हैं कि जिले में संचालित लगभग आधे दर्जन दाल मील का उद्योग विभाग के द्वारा प्रारंभिक अनुज्ञप्ति जारी की गयी है.अनुज्ञप्ति के लिए अब ऑनलाइन की व्यवस्था बहाल की गयी है.इसके वाद भी लेबर लाइसेंस और प्रदूषण क्लियरेंस अनिवार्य है.नयी नियमावली के मुताबिक अब विभाग को कोई खास अधिकार निहित नहीं किये गये है.इसलिए कोई मॉनेटरिंग फिलहाल नहीं की जा रही है.

यह भी पढ़ें-
BIHAR : जानिए क्‍यों नक्सलियों ने युवक को भूना

Next Article

Exit mobile version