कंप्यूटर शिक्षा की आड़ में फर्जीवाड़े का आरोप

लोगों ने कहा, धड़ल्ले से चल रहा कारोबार शेखपुरा : जिले में कंप्यूटर शिक्षा के साथ कमाई के अवसर देने के नाम पर छात्र-छात्राओं को नेटवर्किंग कार्य में झोंकने वाली कंपनी का खुलासा हुआ है. शेखपुरा शहर के वीआईपी रोड स्थित एक निजी भवन में संचालित यह कंपनी पिछले दो सालों से अपने कारनामों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2017 3:31 AM

लोगों ने कहा, धड़ल्ले से चल रहा कारोबार

शेखपुरा : जिले में कंप्यूटर शिक्षा के साथ कमाई के अवसर देने के नाम पर छात्र-छात्राओं को नेटवर्किंग कार्य में झोंकने वाली कंपनी का खुलासा हुआ है. शेखपुरा शहर के वीआईपी रोड स्थित एक निजी भवन में संचालित यह कंपनी पिछले दो सालों से अपने कारनामों को अंजाम दे रहा है. युवाओं को कंप्यूटर की शिक्षा के साथ ग्लैमर दिखाकर अपने जाल में फंसाया जाता है. इन युवाओं को कंपनी के द्वारा आईटी स्मार्ट कोर्स कंप्यूटर शिक्षा के नाम पर पहले तो 15 हजार की वसूली की जाती है.
इसके बाद उन्हें एडमिशन करवाने के एवज में मोटी कमाई का प्रलोभन दिया जाता है. रविवार को इसका खुलासा तब हुआ जब वीआईपी रोड में इंटरव्यू के लिए बुलाया गये. छात्र-छात्राओं की भीड़ को स्थानीय लोगों ने देखकर पड़ताल करनी शुरु की. इस मौके पर स्थानीय लोगों ने कहा कि संचालित कंपनी के पास न तो अपना कोई कंप्यूटर शिक्षा का उपक्रम है और ना ही संस्थान का स्वरूप दिया गया है. लेकिन कंप्यूटर शिक्षा के नाम पर मोटी रकम की वसूली की जा रही है. इस बाबत कंपनी में काम करने वाले युवक ने बताया कि यहां कंप्यूटर शिक्षा के साथ छात्र-छात्राओं में बोलचाल की भाषा और पहनावे के साथ बेहतर जीवन शैली का भी प्रशिक्षण दिया जाता है.
इसके साथ ही अपने नामांकन के बाद और अन्य सहयोगियों के नामांकन कराने पर आठ हजार रुपये का कमाई का अवसर प्रदान किया जाता है. युवक ने बताया कि पिछले दो साल से संचालित कंपनी में 250 छात्र-छात्राएं नामांकित है. जिसमें 50 ऐसे छात्र-छात्राएं हैं, जो संस्थान में बच्चों को नामांकन कराने के लिए प्रेरित करते हैं. उन्हें कंपनी के द्वारा एक सम्मानजनक राशि कमीशन के रूप में भुगतान किया जाता है. इस मौके पर स्थानीय लोगों ने कहा कि जब राज्य और केंद्र सरकार स्किल डेवलपमेंट के नाम पर छात्र-छात्राओं को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान कर रही है.
तब ऐसी परिस्थिति में उक्त कंपनी के द्वारा शिक्षा के नाम पर फीस के रूप में मोटी रकम वसूल करना उचित नहीं है. स्थानीय लोगों ने संचालित नेटवर्किंग कंपनी की जांच कर उसके विरुद्ध उचित कारवाई करने की मांग की है. ताकि जिले के सुदूर इलाके से शिक्षा और कमाई की ग्लैमर में फंसकर अपनी जिंदगी बर्बाद कर रहे छात्र-छात्राओं को बचाया जा सके.

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