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आधार में छेड़छाड़ कर 54 लोगों के बैंक खाते से 34 लाख की फर्जी निकासी

शेखपुरा : बिहार के शेखपुरा में बैंक वालों ने कथित मिलीभगत से बैंक से 34 लाख का गबन कर लिया. यह राशि 54 लोगों के बैंक खाताें से उड़ायी गयी है. पूरा मामला बिहार ग्रामीण बैंक के कैथवां शाखा से जुड़ा है. इस संबंध में शेखपुरा आदर्श थाने में एक प्राथमिकी बुधवार को दर्ज करायी […]

शेखपुरा : बिहार के शेखपुरा में बैंक वालों ने कथित मिलीभगत से बैंक से 34 लाख का गबन कर लिया. यह राशि 54 लोगों के बैंक खाताें से उड़ायी गयी है. पूरा मामला बिहार ग्रामीण बैंक के कैथवां शाखा से जुड़ा है. इस संबंध में शेखपुरा आदर्श थाने में एक प्राथमिकी बुधवार को दर्ज करायी गयी. इस संबंध में जानकारी देते हुए सिरारी ओपी प्रभारी अनिल साव ने बताया कि कैथवां ग्रामीण बैंक में तत्कालीन ब्रांच मैनेजर प्रकाश प्रसाद, बैंक कर्मी अमित कुमार तथा बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक विकास औलिया की मिलीभगत से दूसरे के खाते में दूसरे व्यक्ति का आधार कार्ड लिंक कर दिया गया और आधार कार्ड में अंगूठा लगाकर इस पैसे का गबन कर लिया गया.

इस मामले को पुलिस तक पहुंचाने वाला वर्तमान कैथवा शाखा के मैनेजर अमित कुमार हैं. इसमें अधिकांश लोगों के फिक्स डिपोजिट खाता से ही उड़ाया गया है. इस पैसे के गबन का मामला सामने आते ही जिले में हलचल मच गयी है. बताया जा रहा है कि बैंकवालों की मिलीभगत से इस तरह की गड़बड़ी सामने आयी है. बड़े स्तर पर इसकी जांच की मांग भी उठ रही है.

पूरा खेल है अंगूठे का
बैंक के भारी भरकम राशि फर्जी तरीके से निकालने का यह खेल पूरी तरह अंगूठे के खेल से किया गया है. सिरारी ओपी भवन के बगल में संचालित बैंक के बिजनेस करेस्पोंडेंट यानी बीसी पॉइंट से यह खेल किया गया है. ग्राहक सेवा केंद्र यानी बीसी पॉइंट को सरकार द्वारा यह अधिकार दिया गया था कि आधार कार्ड के मोबाइल नंबर सहित अन्य छोटे-मोटे सुधार कर सके. इस अधिकार का फायदा उठाते हुए संचालक ने दूसरे ग्राहकों के आधार नंबर में अपने इच्छानुसार मोबाइल नंबर जोड़ने और हटाने का काम किया. रुपये निकासी के समय मोबाइल पर आनेवाले ओटीपी यानी एक बार वाले पासवर्ड से रुपये की लगातार निकासी कर रहा था.

हालांकि, अब सरकार द्वारा बीसी संचालक से यह अधिकार वापस ले लिया गया है. ओपी प्रभारी ने बताया कि यह खेल पिछले साल खेला गया है, जिस समय लोगों को लगातार बैंक खाता को आधार और मोबाइल से जोड़ने का दबाव दिया जा रहा था. इस भारी भरकम राशि की निकासी में बैंक मैनेजर और कर्मी की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

तीन महीने पहले आया था मामला सामने
बिहार ग्रामीण बैंक से जुड़े 54 बैंक खाताें से राशि निकासी का मामला तीन महिला पहले आया था. बिहार ग्रामीण बैंक के मुख्यालय बेगूसराय से यह मामला उजागर किया गया था. ग्राहक सेवा केंद्र का लगातार मॉनीटरिंग बैंक मुख्यालय के वित्तीय समावेशन शाखा करता है. इसी क्रम में अनियमितता निकासी पर मुख्यालय के कान खड़े हो गये. जहानाबाद के मखदुमपुर थाने के नेडा गांव निवासी मनेजर प्रकाश प्रसाद और नालंदा जिले के बिहारशरीफ नगर क्षेत्र के कागजी मोहल्ला निवासी बैंक कर्मी अमित कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था. बैंक के अंदरूनी निगरानी विभाग ने जांच के बाद बुधवार को प्राथमिकी दर्ज करायी है.

ग्राहकों को नहीं उठाना पड़ेगा नुकसान
बिहार ग्रामीण बैंक के कैथवा शाखा के 54 ग्राहकों के खाताें से उड़ायी गयी राशि उन्हें वापस मिल जायेगी. अाधिकारिक सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस तरह के बैंक गड़बड़ी को लेकर बैंक पहले से ही तैयार रहता है. बैंक को यह राशि डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट कॉरपोरेशन से प्राप्त होगा. बैंक द्वारा रुपयों की सुरक्षा को लेकर कॉरपोरेशन को प्रीमियम भुगतान करते रहता है.

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