शेखपुरा : जिले में फ्लोराइड नामक जहरीली रसायन से दूषित भूगर्भ जल स्तर से बड़ी आबादी ग्रसित है. इस खतरनाक रसायन से दूषित पानी का लगातार सेवन करने वाले लोगों को फ्लोरोसिस नामक बीमारी मौत की नींद सुला रहा है. पंचायत में अब तक आधे दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है.
इस दूषित जल स्रोत का सबसे बड़ा प्रभाव चोढ़दरगाह पंचायत में देखने को मिल रहा है. पंचायत के कई गांव में सरकार ने फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट जलापूर्ति व्यवस्था पिछले कई वर्ष पूर्व ही बहाल किए हैं.
पंप हाउस का संचालन प्राइवेट कंपनियों के हाथों में रहता है. पंप हाउस की जलापूर्ति की लचर व्यवस्था तो अपनी जगह है. लेकिन ट्रीटमेंट प्लांट का मीडिया केमिकल बदलने की आड़ में बड़ी गड़बडी सामने आयी है. मीडिया केमिकल की अहम भूमिका होती है. जहरीले रसायन से बचाव के लिए मीडिया बदलना पड़ता है. इसके लिए विभागों को फंड भी मुहैया कराया जा करा रहा है.
लेकिन बड़ी बात यह है कि इन ट्रीटमेंट प्लांटों में मीडिया केमिकल को निर्धारित समय पर नहीं बदला जा रहा है. पंचायत में फ्लोराइड नामक जहरीले रसायन की मात्रा जल स्रोत में होने के मुद्दे को उजागर करने के मामले में पूर्व मुखिया मोहम्मद सरफराज आलम ने अहम भूमिका निभायी थी.
पूर्व मुखिया ने बताया कि फ्लोराइड ट्रीटमेंट प्लांट महज खानापूर्ति बन गया है. चोढ़दरगाह में दो ट्रीटमेंट प्लांट में से एक ही नियमित रूप से संचालित किया जा रहा. जबकि पंचायत के फूलचोढ, कोइंदा, महुली, सोहदी, अकबरपुर गांव में स्थिति बदहाल है. ट्रीटमेंट प्लांट में मीडिया केमिकल नहीं बदले जाने के कारण लोग दूषित पानी पी रहे हैं.
फ्लोराइड युक्त पानी पीने से इस नामक बीमारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. इस बाबत पूर्व मुखिया ने जिलाधिकारी इनायत खान से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराने से बड़े अनियमितता उजागर तो किये जायेंगे और पंचायत की आबादी को फ्लोराइड नामक खतरनाक रसायन से मुक्ति भी मिल सकेगा. उन्होंने बताया कि कार्रवाई से सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का लाभ भी आम लोगों को मिल सके.