शेखपुरा : गबन के आरोप में प्राथमिकी का सामना कर रहे विजय कुमार पांडेय को जिले के बरबीघा प्रखंड के स्थापना विद्यालय डीएवी के निकासी व व्ययन पदाधिकारी बनाये जाने पर शिक्षा निदेशालय पटना से कड़ा एतराज जताया है. इस संबंध में प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने उन्हें इस दायित्व से तुरंत मुक्त करने का आदेश दिया है.
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प्राथमिकी के बाद भी स्थापना के कार्य पर शिक्षा निदेशालय नाराज
शेखपुरा : गबन के आरोप में प्राथमिकी का सामना कर रहे विजय कुमार पांडेय को जिले के बरबीघा प्रखंड के स्थापना विद्यालय डीएवी के निकासी व व्ययन पदाधिकारी बनाये जाने पर शिक्षा निदेशालय पटना से कड़ा एतराज जताया है. इस संबंध में प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने उन्हें इस दायित्व से तुरंत मुक्त करने का आदेश […]
साथ ही एक सप्ताह के अन्दर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. शिक्षा निदेशालय ने यह आदेश जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिया है. सरकारी सूत्रों के अनुसार लगभग तीन वर्ष पूर्व डीएवी के प्रधानाध्यापक विजय कुमार पांडेय के खिलाफ थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. उन्हें तत्काल निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई चलाने की प्रक्रिया शुरू की गयी थी.
उनके खिलाफ आरोप था कि निकासी व व्ययन पदाधिकारी के हैसियत से क्षेत्र के छह शिक्षकों के नाम पर 30 लाख से ज्यादा रुपये की नकासी जिला कोषांग से कर भुगतान के लिए बैंक भेजवा दिया था. लेकिन संबंधित शिक्षकों के तत्परता से यह निकासी नहीं हो पायी थी.
बाद में उन्होंने इस मामले में दर्ज प्राथमिकी को लेकर न्यायालय से जमानत की सुविधा प्राप्त की थी. उसके बाद यहां स्थानीय शिक्षा विभाग ने भी उन्हें क्लीन चिट देते हुए फिर से उसी विद्यालय में पदस्थापित कर दिया. विजय पांडेय की शिक्षा विभाग में दबंगता जगजाहीर हो गयी.
बाद में इस मामले में विद्यालय के एक शिक्षक अरुण कुमार और क्षेत्र के कई प्रबुद्ध लोगों ने इस प्रक्रिया का कड़ा प्रतिवाद किया. इन लोगों ने अलग-अलग आवेदन देकर शिक्षा निदेशालय पटना को शिकायत कर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की. इस पूरी घटना को शिक्षा निदेशालय ने गंभीरता से लिया और उन्हें इस पद से मुक्त कर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है.
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