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किसानों की रबी व प्याज फसलों पर गहराये संकट के बादल

शेखपुरा : किऊल-गया रेलखंड के दोहरीकरण के कार्य ने कई स्थानों पर शहर के नाले का निकास को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया, जिसके कारण कई खेत पिछले कई दिनों से पानी में डूबे हैं. इस स्थिति में बड़ी संख्या में किसानों के समक्ष रबी और प्याज फसल पर संकट पूरी तरह गहरा गया है. […]

शेखपुरा : किऊल-गया रेलखंड के दोहरीकरण के कार्य ने कई स्थानों पर शहर के नाले का निकास को पूरी तरह अवरुद्ध कर दिया, जिसके कारण कई खेत पिछले कई दिनों से पानी में डूबे हैं. इस स्थिति में बड़ी संख्या में किसानों के समक्ष रबी और प्याज फसल पर संकट पूरी तरह गहरा गया है.

ऐसे में किसानों के समक्ष एक बार फिर बहुत बड़ी समस्या सामने आ पड़ी है. इस दौरान अब तक कई खेतों की फसल जहां पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है, तो कई बर्बादी के कगार पर है.
इस स्थिति में कर्ज लेकर खेती करने वाले किसानों की नींद पूरी तरह हराम हो चुकी है. नगर पर्षद क्षेत्र के कॉलेज मोड़ के समीप स्थित रेलवे गुमटी पर दोहरीकरण कार्य के दौरान वहां स्थित पुलिया को बंद कर दिया गया है, जिसके कारण पानी का निकास पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया.
इस स्थिति में वह नाले का पानी रेलवे लाइन के दूसरी ओर न जाकर सारा पानी एकसारी आहर से होते हुए वहां आसपास के खेतों में घुस रहा है. वहीं यह पानी एकसारी से सटे नीरपुर कंधे में भी पहुंच रहा है और खेत लगातार डूबते जा रहे हैं. शहर के पटेल चौक के समीप भी रेलवे लाइन के दोहरीकरण के दौरान वहां पुलिया क्षतिग्रस्त हुई थी.
हालांकि वहां से पानी निकास की व्यवस्था तो की गयी, परंतु पानी निकास का पाइप किसानों के खेत की ओर दे दिया गया है, जिसके कारण बड़ी संख्या में किसानों के खेतों में लगातार पानी गिरने से फसलें बर्बाद हो रही हैं.
सैकड़ों बीघे की फसल हो चुकी है बर्बाद : इस पूरे घटनाक्रम के दौरान अब तक सैकड़ों बीघे की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. एकसारी गांव के किसानों में बच्चन महतो, लक्ष्मण महतो, मनोज ठाकुर, विलास महतो, मंटू महतो, संदीप कुमार, पिंकू महतो, अवधेश कुमार, संदीप कुमार समेत अन्य ने बताया कि पिछले कई दिनों से उनके खेतों में पानी लगातार घुस रहा है. इस दिशा में अधिकारियों से भी गुहार लगायी जा चुकी है परंतु स्थिति जस-की- तस है.
इससे धान की फसल कटने के बाद गेहूं, प्याज व चने की फसल तो लगायी गयी, परंतु खेतों में लगातार पानी रहने से फसल बर्बाद हो चुकी है. जबकि, कई खेतों की फसल बर्बादी के कगार पर है. किसान लगातार अपने खेतों से पानी निकालने की जद्दोजहद में लगे रहते हैं, जिसके कारण कई किसानों का पूरा दिन खेतों में ही गुजारना पड़ रहा है.
पुलिया बंद कर देने से किसानों के समक्ष आफत : रेलवे लाइन के दोहरीकरण के दौरान कॉलेज मोड़ के समीप पुलिया बंद कर दिये जाने से किसानों के समक्ष आफत खड़ी हुई है. इस मामले को लेकर किसानों ने बताया कि पूर्व में पुलिया चालू रहने से नाले का आधा पानी एकसारी आहार में आता था.
जबकि, आधा पानी एकसारी बिगहा की ओर चला जाता था, परंतु पुलिया बंद कर दिये जाने से एकसारी बिगहा की ओर अब नाले का पानी नहीं जा पाता है और सारा पानी एकसारी आहर में ही आकर गिरता है. ऐसे में सैकड़ों बीघे में लगी फसल पर प्रतिकूल असर पड़ा है.
अधिकारियों के सूध नहीं लेने से ग्रामीणों में आक्रोश : इस पूरे मामले को लेकर अधिकारियों द्वारा अब तक किसी प्रकार की सूध नहीं लेने के कारण ग्रामीणों में आक्रोश पनपने लगा है. इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने कहा कि अब तक न तो किसी प्रशासनिक अधिकारी और न ही जनप्रतिनिधि ने इस मामले की सूध ली है.
जबकि, बड़ी संख्या में किसान एक बार फिर बर्बादी के कगार पर पहुंच चुके हैं. उन्होंने कहा कि कर्ज लेकर कई किसानों ने इस बार खेती की थी, परंतु उनकी फसल बर्बाद हो जाने से भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जायेगी.

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