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जिले में खेल प्रतिभाओं की हो रही अनदेखी

शेखपुरा : एक वक्त था जब खेल के क्षेत्र में प्रतिभाओं की भरमार थी. इन प्रतिभाओं को खेल मैदान पर फतह करना एक नीयती बन गयी थी.वह वक्त सन 1973 का था.आज के इस प्रतिस्पर्धा के दौर में उसी जज्बे की जरूरत है. क्योंकि खेल और शिक्षा के बेहतर समायोजन से ही आदर्श प्रतिभा का […]

शेखपुरा : एक वक्त था जब खेल के क्षेत्र में प्रतिभाओं की भरमार थी. इन प्रतिभाओं को खेल मैदान पर फतह करना एक नीयती बन गयी थी.वह वक्त सन 1973 का था.आज के इस प्रतिस्पर्धा के दौर में उसी जज्बे की जरूरत है. क्योंकि खेल और शिक्षा के बेहतर समायोजन से ही आदर्श प्रतिभा का निर्माण होता है. शेखपुरा एक मायने में प्रतिभा का धनी है. परंतु एक जो इस जिले की दुर्भाग्य है वह महाविद्यालयों में खेल की जर्जर और लचर व्यवस्था का है. खेल प्रतिभाओं के लिए सरकार की योजनाओं से खेल सामग्रियां कॉलेज में संपूर्ण है. इसके लिए राशि की भी कोई कमी नहीं है. अगर कमी है तब छात्र और महाविद्यालय प्रबंधन के इच्छा शक्ति की.

खेल सामग्रियां हो रही बेकार
ख्यालय का एकमात्र अंगीभूत रामाधीन महाविद्यालय पर अगर नजर डाले, तब यहां क्रिकेट,वॉलीबॉल, हॉकी, बास्केटबॉल, बैडमिंटन समेत अन्य खेल सामग्री उपलब्ध है. इतना ही नहीं छात्र का युवा शरीर चुस्त और तंदरूस्त रहे इसके लिए लाखों की लागत से जिम खाने की व्यवस्था है, परंतु छात्र और महाविद्यालय प्रबंधन की रुचि के अभाव में लाखों के खेल सामग्री एवं सैकड़ों खेल प्रतिभाओं में जंग लग रहा है.
हार बन गयी नियति
महाविद्यालयों में युवा वर्ग के अंदर खेल प्रतिभा निखारने के लिए तरह-तरह के खेल आयोजन किये जाते हैं, परंतु सबसे बड़ी दुर्भाग्य की बात यह है कि जिला मुख्यालय का एकमात्र सरकारी महाविद्यालय जहां तीन हजार छात्र नामांकित है. वहां के प्रतिभागी खिलाड़ियों के लिए हार एक नीयती बन गयी है. खिलाड़ी महाविद्यालय में खेल के लिए नियमित व्यवस्था का घोर अभाव बताते है.
संसाधनों की कमी बड़ा अवरोध
जिले के रामाधीन महाविद्यालय में खेल सामग्री की उपलब्धता एक राहत की बात है तो दूसरी ओर खेल मैदान का अभाव एक बड़ा अवरोध भी है. खेल प्रभारी शिक्षक दिवाकर कुमार उर्फ पप्पू ने बताया कि कई ऐसे खेल हैं, जिसके लिए समुचित खेल मैदान की आवश्यकता है. वहां मौजूदा खेल मैदान की स्थिति बरसात के दिनों में जलजमाव के कारण अवरुद्ध रहता है. जबकि अन्य खेलों में कॉलेज के छात्र अपना रुचि नहीं दिखाते हैं.
बदल सकते हैं हालात
अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तब महाविद्यालय में खेल व्यवस्था में अमूलचुक परिवर्तन कीमती संभावना प्रबल है. पिछले दिनों रामाधीन महाविद्यालय के प्रांगण में एक आयोजन के दौरान जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने आश्वासन दिया था. खेल मैदान का जीर्णोद्धार के लिए नवाचारी योजना से निधि मुहैया कराने की घोषणा की थी. इसके साथ ही महाविद्यालय में सोमवार 08 सितंबर को आधुनिक संसाधनों से लैस जिमखाना को प्रारंभ किया जायेगा. इसके लिए कॉलेज के लगभग डेढ़ दर्जन छात्रों के आवेदन मिलने के बाद यह व्यवस्था बहाल की जा रही है.खेल प्रभारी दिवाकर कुमार उर्फ पप्पू ने बताया कि जिम के बाद खेल व्यवस्था में भी सुधार किया जायेगा.

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