धान खरीदाने में किया गया घोटाला!
* धान मिलिंग कर वापस करने के बजाय बेचा जा रहा बाजारों में* हजारों क्विंटल धान आवंटन के बाद भी वापस नहीं हुआ चावलशेखपुरा : जिले में एसएफसी व एफसीआइ और राइस मिल मालिकों के गंठजोड़ के कारण जिले में किसानों से खरीदे गये धानों में एक बड़े घोटाले का मामला सामने आ रहा है. […]
* धान मिलिंग कर वापस करने के बजाय बेचा जा रहा बाजारों में
* हजारों क्विंटल धान आवंटन के बाद भी वापस नहीं हुआ चावल
शेखपुरा : जिले में एसएफसी व एफसीआइ और राइस मिल मालिकों के गंठजोड़ के कारण जिले में किसानों से खरीदे गये धानों में एक बड़े घोटाले का मामला सामने आ रहा है. एसएफसी के अधिकारियों द्वारा नियमों को ताक पर रख लगभग दो हजार मीटरिक टन धान जिले के विभिन्न राइस मिलों को मीलिंग के लिए आवंटित कर दिया गया है, जिसमें मेहुस गांव स्थित राइस मिल को 756, हथियावां को 201.05, पिंजड़ी 168.07, एकाढ़ा 483.06, रंका 161.02, लोहान को 241.68 मीटरिक टन धान आवंटित किया गया है.
नियमों के अनुरूप एक राइस मिल को चार सौ क्विंटल धान आंवटित किया जाना है और राइस मिल मालिक मिलर में मीलिंग कर एफसीआइ को चावल वापस करेंगे तब फिर मिल मालिकों को धान की आपूर्ति किया जाना है, लेकिन नियमों को ताक पर रख बिना चावल वापस लिये निर्बाध रूप से धान का आवंटन किया गया. इसका सीधा लाभ मिल मालिकों ने उठाते हुए धान कुटाई किये बिना ही धान को बाजारों में बेच दिये जाने का मामला सामने आ रहा है.
धान आवंटन के कई माह बीतने के बाद भी राइस मिल मालिक चावल एफसीआइ को वापस नहीं किये जाने से धान की बिक्री बाजारों में किये जाने की पुष्टि होती है. ज्ञात हो कि राज्य सरकार किसानों के उत्पादित धान की उचित मूल्य देने के लिए एसएफसी के माध्यम से धान की खरीदार करायी थी.
उक्त धान को निजी मिल मालिकों को मीलिंग की मजदूरी तथा ट्रांसपोर्टिग भाड़ा दिया जाना है, लेकिन नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए धान के बदले चावल जमा करने के बजाय बाजार में बेच दिया गया. इस संबंध में जिला आपूर्ति पदाधिकारी ज्योतिषचंद्र झा ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि सारी जवाबदेही एसएफसी तथा एफसीआइ के मैनेजर का है.