* विद्यालयों के लिए पांच सालों में नहीं मिली जमीन
।। रंजीत कुमार ।।
शेखपुरा : शिक्षा के क्षेत्र में ऊंची छलांग लगानेवाले जिले में आज भी हजारों बच्चे ऐसे हैं, जो गरमी, बरसात और जाड़े के मौसम में भी खुले आसमान में पढ़ाई करने को विवश हैं. जिले के सभी छह प्रखंडों में भूमि नहीं उपलब्ध होने के कारण 35 विद्यालयों में भवन निर्माण का कार्य पिछले पांच सालों से अधर में लटका है. दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि इन विद्यालयों के लिए जमीन मुहैया कराने में न तो अधिकारियों और न ही जनप्रतिनिधि और अभिभावकों ने कोई रुचि दिखायी है.
* नहीं मिल रही जमीन
जिले के सभी छह प्रखंडों में अरियरी में 11, शेखोपुरसराय प्रखंड में 03, शेखपुरा प्रखंड में 08 एवं घाट कोसुम्भा प्रखंड में 06, चेवाड़ा में 1 एवं बरबीघा में 06 विद्यालय भवनहीन है. सन 2008-2009 में स्वीकृत इन विद्यालयों को जमीन मुहैया कराने में आज तक कोई भी ठोस रणनीति नहीं बनायी गयी.
* समन्वय का अभाव
शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालय भवनों के निर्माण में सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों पर अगर नजर डाले तब विद्यालयों की जमीन उपलब्ध कराने के लिए अंचलाधिकारियों को पत्र लिखा जाता है, परंतु समन्वय के अभाव में सरकार की महत्वाकांक्षी योजना कागजी प्रक्रिया प्रक्रिया में ही सिमट कर रह जाता है.
* हो रही परेशानी
पिछले पांच सालों से जमीन की आस में भवनविहीन विद्यालयों में नामांकित हजारों बच्चों को एक तरफ जहां सरकार की गैर शैक्षणिक योजनाओं के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है. वहीं भवन के अभाव में खुले आसमान में पढ़ने को विवश अधिकतर बच्चों को बेहतर शिक्षा का माहौल नहीं मिल पा रहा है.
* नये विद्यालयों की बढ़ेगी चुनौती
जिले में वित्तीय वर्ष 2012-13 पर अगर नजर डाले तब 30 अतिरिक्त नवसृजित प्राथमिक विद्यालयों के लिए केंद्र सरकार ने हरी झंडी दे दी है, परंतु दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि पहले ही 35 विद्यालयों के लिए जमीन मुहैया कराने में विफल जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि इन तीस नये विद्यालयों को कहां से जमीन दिला पायेगी.
* भवनविहीन विद्यालयों को जमीन उपलब्ध कराने के लिए पहले भी प्रखंडों के अंचलाधिकारियों को पत्रचार किया गया है. इन विद्यालयों के लिए भूमि मुहैया कराने के लिए पुन: पत्रचार किया जायेगा.
श्यामनंदन चौधरी जिला शिक्षा पदाधिकारी, शेखपुरा