आखिर मासूमों का गुनाह क्या?
शेखपुरा : 55 वर्षीय सुनैना देवी कहती है कि ऐसा दानव उसने अपने जीवन में कभी नहीं देखा, जो अपने विकृत मानसिकता से विद्यालय में पढ़नेवाले सैकड़ों बच्चों के जीवन की परवाह किये बगैर ही कुकृत्यों को अंजाम दे रहे हैं. शुक्रवार को मध्य विद्यालय गिरिहिंडा में हुई घटना भले रसोइये की सजगता से टल […]
शेखपुरा : 55 वर्षीय सुनैना देवी कहती है कि ऐसा दानव उसने अपने जीवन में कभी नहीं देखा, जो अपने विकृत मानसिकता से विद्यालय में पढ़नेवाले सैकड़ों बच्चों के जीवन की परवाह किये बगैर ही कुकृत्यों को अंजाम दे रहे हैं.
शुक्रवार को मध्य विद्यालय गिरिहिंडा में हुई घटना भले रसोइये की सजगता से टल गया, परंतु इस बड़े हादसे के लिए किया गया प्रयास लोगों के हृदय में दहशत व नफरत भर दिया है. स्कूली बच्चों के साथ अनहोनी दहशत बन कर महिला अभिभावकों को डरा रही है, तो दूसरी ओर ऐसे दानवीय कुकृत्यों को अंजाम देनेवाले आपराधिकतत्व के खिलाफ लोगों का गुस्सा उबल रहा है.
ऐसे वारदातों को लेकर अभिभावकों में खौफ इस कदर हावी है कि वे अपने बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल, तो जरूर भेजना चाहते हैं, परंतु भोजन और पानी का जुगाड़ अपना रखना चाहते हैं. इस बड़ी वारदात से हैरान लोग बार–बार बस एक ही सवाल दोहराने को विवश है कि आखिर इन मासूम बच्चों का गुनाह क्या है.