एंबुलेंस के लिए तड़पते रहे बच्चे के परिजन

शेखपुरा : खेल-खेल में आग की लपटों के शिकार हुए चचेरे भाई-बहन का दर्द बांटना तो दूर उनके प्राण रक्षा में स्वास्थ्य महकमे की वर्तमान व्यवस्था भी बेमानी साबित हुई. बरबीघा रेफरल अस्पताल से सदर अस्पताल पहुंचे. औंधे-फरीदपुर गांव के गुड्डू पासवान के चार वर्षीय पुत्र बदन के जख्मों की जलन से तड़पता रहा. परंतु […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2015 6:45 AM
शेखपुरा : खेल-खेल में आग की लपटों के शिकार हुए चचेरे भाई-बहन का दर्द बांटना तो दूर उनके प्राण रक्षा में स्वास्थ्य महकमे की वर्तमान व्यवस्था भी बेमानी साबित हुई. बरबीघा रेफरल अस्पताल से सदर अस्पताल पहुंचे.
औंधे-फरीदपुर गांव के गुड्डू पासवान के चार वर्षीय पुत्र बदन के जख्मों की जलन से तड़पता रहा. परंतु सदर अस्पताल से रेफर होने के बाद भी सरकारी एंबुलेंस के लिए परिजन तड़पते रहे. दरअसल सदर अस्पताल में एंबुलेंस सेवा के लिए 108 का एक एंबुलेंस घटना की सुबह किसी दूसरे मरीज को लेकर पटना गयी हुई थी. जबकि 1099 एंबुलेंस सेवा का चालक करीब 12 माह के बकाये भुगतान की मांग को लेकर कई दिनों से हड़ताल पर है.
इस अव्यवस्था में काफी मशक्कतों के बाद सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ मृगेंद्र प्रसाद से गुहार लगाने पर विशेष अवस्था में 102 एंबुलेंस को पटना पीएमसीएच जाने का निर्देश दिया. चिकित्सकों के मुताबिक सौ फीसदी जले उक्त बच्चे के इलाज में स्थानीय स्वास्थ्य व्यवस्था में दुखी पीड़ित पिता गुड्डू पासवान आखिरकार वापस बरबीघा के निजी अस्पताल में ही जाना मुनासिब समझा.

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