बरबीघा : नेहा की शादी के पूर्व पता था कि उसका होने वाला पति भज्जु आपराधिक चरित्र का है पर उसे विश्वास था कि वह अपने पति को आपराधिक चरित्र से दूर कर सामान्य जीवन की राह पर ला खड़ी करेगी. इस सोच के तहत नेता अपने पति को लेकर बरबीघा आ गयी. वह यहां शिवाजी नगर मोहल्ले में किराये के मकान में रहने लगी.
पति ट्रैक्टर रख कर अपने रोजगार में लग गये. पत्नी की यह करनी भज्जु गिरोह के पूर्व साथियों को नागवार गुजरी. लोगों ने संभावना व्यक्त की कि इसी से नाखुश पूर्व साथियों ने ही उसका कत्ल किया होगा. पति की लाश कलेजे में सटा नेहा जार-बेजार होती रही. कहती है कि अब तोर मइया-बप्पा के संतुष्टि मिललो जी रजवा. हमरा गोदिया में एको संतान नहीं देहलो जी रजवा. समाज से विरोध कर तोहरा से नेहिया लगइले है जी रजवा. अब केकरा सहारे जीवो जी रचा. यह कह नेता अचेत हो जाती है.
दर्दनाक दृश्य देखने वाले अचेत नेहा को पानी देते हैं. वह होश में आने के बाद पानी का गिलास फेंक देते हैं और लोगों से जहर या गोली मार देने का भीख मांगती है. कुछ लोग भज्जु की आपराधिक चरित्र की समीक्षा कर कहते हैं कि जैसे को तैसा मिला. लेकिन नेहा के करूण क्रंदन से उपस्थित लोगों की आंखें नम हो गयी.