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बैंक का कंपनी पर था 94 लाख रुपये का बकाया भज्जु महतो कई मामलों में था आरोपित हवा पहलवान की हत्या का कारण भी हो सकती है रंजिश ,नालंदा के थानों में डेढ़ दर्जन मामले थे दर्ज शेखपुरा/बिहारशरीफ : अशोक महतो गिरोह का मुख्य शूटर व कुख्यात अपराधी धनंजय महतो उर्फ भज्जु महतो की हत्या […]
बैंक का कंपनी पर था 94 लाख रुपये का बकाया
भज्जु महतो कई मामलों में था आरोपित
हवा पहलवान की हत्या का कारण भी हो सकती है रंजिश ,नालंदा के थानों में डेढ़ दर्जन मामले थे दर्ज
शेखपुरा/बिहारशरीफ : अशोक महतो गिरोह का मुख्य शूटर व कुख्यात अपराधी धनंजय महतो उर्फ भज्जु महतो की हत्या ने एक बार फिर गिरोह में आपसी फूट से उभरे आपराधिक दस्तक का अहसास कराया है. हालांकि दिनदहाड़े हत्या को अंजाम देकर भागने में कामयाबी तीन बाइक सवारों ने पुलिस महकमे से लेकर आम लोगों में कई तरह के सवाल खड़े कर दिये हैं.
इन सवालों के बीच करीब छह माह पूर्व हुए शेखपुरा प्रखंड के कटारी गांव निवासी हवा पहलवान की हत्या के बाद प्रतिशोध को लेकर भज्जु महतो की हत्या को शेखपुरा के अलावे नालंदा एवं नवादा पुलिस प्रथम दृष्टया कारण मान रही है. एसडीपीओ नरेश कुमार शर्मा ने बताया कि हत्या के इस मामले में हवा पहलवान की हत्या से जोड़ कर भी अनुसंधान किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि हवा पहलवान हत्याकांड में कुख्यात भज्जू महतो भी आरोपित था. आपराधिक दुनिया में लंबे अंतराल तक हत्या,अपहरण एवं लूट जैसे दर्जनों मामले में हिस्ट्रीसीटर रहा है. बुधवार को बरबीघा के सकलदेव नगर में अज्ञात अपराधियों ने गोलियों से छलनी कर भज्जु महतो की हत्या कर दी. हत्या के इस घटना के बाद पुलिस महकमा आपराधिक गिरोहों का इतिहास एक बार फिर खंगालने में जुटी है.
युवती को लेकर हवा से दोस्ती हुई थी खत्म
बिहारशरीफ.अपराध की दुनिया के दो खूंखार शातिर भज्जु महतो व हवा पहलवान में खूब दोस्ती थी. दोनों के बीच की दोस्ती जगजाहिर थी. दोनों ने मिल कर अपने आतंक के राज को खूब बढ़ाया. दोनों के बीच के दोस्ती में एक युवती के आ जाने से खटास पैदा हो गयी. युवती ने दोनों के बीच ऐसी खाई पैदा कर दी, जिससे दोनों एक-दूसरे के जान के दुश्मन बन बैठे थे. यह दुश्मनी की वजह से फिर दोनों में दोस्ती नहीं हो सकी.
नालंदा के पांच प्रखंडों में था प्रभाव
भज्जु महतो का कार्यक्षेत्र ऐसे तो नवादा, शेखपुरा और नालंदा में भी था. नालंदा में भज्जु महतो के प्रभाव वाले क्षेत्रों में सरमेरा, बिंद, रहुई, अस्थावां व कतरीसराय प्रखंड आते हैं. इन प्रखंडों में भज्जु महतो का खासा प्रभाव था. भज्जु महतो द्वारा संचालित निमोछिया गिरोह का भी प्रभाव इन प्रखंडों में था. निमोछिया गिरोह में युवा वर्ग के लड़के शामिल थे. एक समय तो निमोछिया गिरोह का प्रभाव नालंदा में खूब देखा जाता था. धीरे-धीरे निमोछिया गिरोह की सक्रियता में भी कमी आयी. वर्तमान समय में भी कदा-कदा निमोछिया गिरोह के सदस्यों के कृत्य सामने आते रहे हैं.
भज्जु का था विधायक बनने का सपना
बिहारशरीफ. नालंदा के सारे थाना क्षेत्र के मानपुर गांव के भज्जु महतो वर्तमान समय में अपराध की दुनिया से अपने को करीब-करीब अलग कर रखा था. अपराध की दुनिया से पूरी तरह अलग होकर भज्जु महतो विधायक बनने का सपना पाले हुए था. अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में भज्जु महतो के काफी समर्थक थे. इसका वह फायदा उठा कर विधायक बन कर शरीफ की जिंदगी जीने का ख्वाब पाले हुए था. नालंदा के विभिन्न थानों में भज्जु महतो के विरुद्ध करीब डेढ़ दर्जन मामले दर्ज थे. इन सभी मामलों में करीब-करीब उसकी रिहाई हो चुकी थी. वैसे कुछ मामले अब भी चल रहे हैं.
भज्जु महतो की मंशा थी कि उनके खिलाफ दर्ज मामलों के निबटारे के बाद एक बार विधायकी के लिए किस्मत आजमायी जाय. इस दिशा में वह गुपचुप तरीके से कार्य कर रहा था और अपना प्रभाव क्षेत्र का विस्तार कर रहा था. भज्जु महतो के करीबी लोगों की मानें तो आने वाले विधानसभा चुनाव में वह अपनी उम्मीदवारी पेश कर सकता था. इसकी भनक भज्जु के विरोधियों को भी मिल चुकी थी.
जेल से भागने के पूर्व दिया था अपहरण की घटना को अंजाम
शेखपुरा : कथित गैंगवार में बुधवार को मौत की नींद सोने वाला कुख्यात भज्जु महतो अपने पीछे आपराधिक इतिहास के कई पहलू छोड़ गया. शेखपुरा में अशोक महतो गिरोह में रह कर क्रूरता के लिए भर में चर्चित कुख्यात भज्जु महतो ने वर्ष 2004 में नालंदा के विधान पार्षद चुनाव के दौरान शेखपुरा जेल से फरार होकर अपराध की दुनिया में अपनी खास पहचान बनाया था.
इतना ही नहीं शेखपुरा के चर्चित ललन स्वर्णकार के पुत्र अभिषेक के अपहरण की घटना को अंजाम दिया था. खास बात यह है कि अपहरण की घटना अशोक महतो गिरोह से अलग निमोछिया गिरोह का संचालन करते हुए अंजाम दिया था. इतना ही नहीं अपहरण की घटना में जब पुलिस की दबिश बनी तब अपहृत का सौदा अशोक महतो गिरोह से किया था.
आपराधिक कुकृत्यों के दौरान शेखपुरा के कमिश्नरी बाजार मोहल्ले में भी अपनी पहचान बदल कर रहता था. शेखपुरा में रह कर कई माह तक आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता रहा. इसके बाद इसी क्रम में पुलिस ने गरीब शेखपुरा रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया था.
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