अधिकारियों पर अतिक्रमणकारियों ने किया हमला

शेखपुरा : शनिवार को सदर अस्पताल के समीप अतिक्रमण हटाये जाने के दौरान अधिकारियों की टीम पर चाकू लेकर हमला बोल दिया. यह हमला जदयू नेता सुरेंद्र राउत के पुत्र ने की. मौके पर अधिकारी सुरक्षाकर्मियों के सहयोग से बाल-बाल बच गये. यह घटना तब घटी जब समाहरणालय से अतिक्रमण हटाने के क्रम में अधिकारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 5, 2015 7:20 AM

शेखपुरा : शनिवार को सदर अस्पताल के समीप अतिक्रमण हटाये जाने के दौरान अधिकारियों की टीम पर चाकू लेकर हमला बोल दिया. यह हमला जदयू नेता सुरेंद्र राउत के पुत्र ने की. मौके पर अधिकारी सुरक्षाकर्मियों के सहयोग से बाल-बाल बच गये. यह घटना तब घटी जब समाहरणालय से अतिक्रमण हटाने के क्रम में अधिकारी सदर अस्पताल के समीप पहुंचे.

वहां मौजूद महिला धनमंती देवी ने बिना नोटिस के ही कार्रवाई का विरोध किया.इस दौरान आधे दर्जन अतिक्रमणकारी गोलबंद होकर सामग्री हटाने का समय मांगने लगे. इस दौरान नोक-झोंक की घटना में नगर पर्षद का चालक चंद्रमौली प्रसाद जख्मी हो गये.

इस दौरान सदर अस्पताल मुख्य गेट पर चाय की दुकान चलाने वाले जदयू को पूर्व युवा अध्यक्ष सुरेंद्र राउत को पुलिस ने हिरासत में लेकर गले में गमछा लगा कर घसीटना शुरू किया तब जदयू नेता का पुत्र चाकू लेकर अधिकारियों की ओर दौड़ पड़ा. मौके पर जदयू नेता के परिजनों ने पुलिस पर बदसलूकी का आरोप लगाया. इस घटनाक्रम में मौके पर एसडीएम के अलावे डीटीओ ज्ञान प्रकाश,सिटी मैनेजर विनय रंजन व सुरक्षा कर्मियों को आक्रोशितों के कड़े तेवर का सामना करना पड़ा. अतिक्रमण के इस विवाद में जदयू नेता सुरेंद्र राउत व उनके पुत्र को गिरफ्तार कर लिया गया है.

अतिक्रमण हटाओ अभियान से वेंडरों का बसेरा उजरा

शेखपुरा. जिला न्यायालय शुरू करने को लेकर पिछले एक पखवारे से अतिक्रमण के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान में होटल, चाय विक्रेताओं के साथ-साथ अधिवक्ता, मुंशी और स्टांप वेंडरों का भी बसेरा उजड़ गया. ऐसे में प्रशासनिक कार्रवाई पर तो सवालिया निशान नहीं उठाया जा सकता, परंतु इसमें सबसे बड़ा अहम सवाल यह है कि रोजी-रोटी को लेकर अचानक उजड़ जाने वाले लोग जाये तो जायें कहा.

दरअसल इस अभियान में चाय,नाश्ता, फोटोकॉपी,स्टेशनरी व अधिवक्ताओं की झुग्गी झोपड़ी को पहले न्यायालय परिसर से हटाया गया. इसके बाद जब वे समाहरणालय परिसर से बाहर अपना बसेरा स्थापित किया तब वहां से भी हटाने की कार्रवाई की गयी. मौके पर अधिवक्ता कृष्णनंदन पासवान,मुंशी दानी प्रसाद व कातिब कृष्णनंदन यादव ने कहा कि अतिक्रमण एक बड़ी समस्या तो है ही, परंतु रोजी-रोटी के लिए निश्चित व्यवस्था नहीं की जाती है तब लोग खाली स्थान पर अपना अस्थायी डेरा डालते हैं. जिला प्रशासन को अतिक्रमण के खिलाफ अभियान के पहले स्थापित करने का भी स्थान चिह्न्ति करना चाहिए. ताकि दर्जनों भर अतिक्रमणकारियों पर टिकी सैकड़ों लोगों की रोजी-रोटी का सहारा नहीं छीन सके.

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