शेखपुरा : शहर के खांड पर मोहल्ले के चार बुजुर्गो के जज्बे ने पहाड़ की चोटी पर मंदिर स्थापित कर कुंड खुदाई करने व पौधे लगाने का बड़ा कीर्तिमान रच दिया है. खांड पर मोहल्ले की लगभग एक हजार फीट ऊंचाई पर जहां आम आदमी को पैदल चलना मुश्किलों का काम होता है. वहीं बुढ़ापे के इस वक्त में इन चार बुजुर्गो ने जो कुछ किया है. वह मिसाल बन गया है.
आज इन चार बुजुर्गो के हौसले ने उक्त पहाड़ी चोटी पर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग किया है. इन बुजुर्गो को इस कार्य के लिए महीनों परिश्रम करना पड़ा. इस कठिन परिश्रम के पीछे इन बुजुर्गो का देवी-देवताओं के प्रति आस्था है.
* 20 फूट गहरे कुंड की खुदाई
कहते है इरादा बुलंद हो अगर तो पत्थर में भी कमल खिल आते है. इन्हीं जज्बात को साकार कर दिखाया है. चार बुजुर्गो ने शहर के खांड पर मोहल्ले वासी अंबिका महतो, बालगोविंद महतो, जगदीश मिस्त्री एवं अशोक कुमार उर्फ हुसैनी जी ने अपना-अपना योगदान देकर मिसाल कायम किया है. एक-एक ईंट बालू, सिमेंट और पानी करीब एक हजार फीट उपर चढ़ा कर उसे आकार दिया.
करीब 20 फीट गहरे और बड़े आकार के कुंड की खुदाई की. इसके बाद भगवान शंकर, मां गायत्री एवं दुर्गा माता की प्रतिमा स्थापित की. इन बुजुर्गो ने अपने हौसले से सींच कर कई पौधों को लगाया.
एक हजार फीट ऊंचे पहाड़ी की चोटी पर बुजुर्गो की यह रचनात्मक उपलब्धि प्रशंसा के बाद शहरी विकास अभिकरण ने इसके सौंदर्यीकरण के लिए नापी करा कर प्राक्कलन बनाने की तैयारी की थी, परंतु स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का शिकार होकर यह योजना अधर में लटक गया है.
* आस्था से जुड़ा है स्थान
कहते है इन बुजुर्गो ने उक्त पहाड़ी चोटी पर मंदिर स्थापित करने का सपना देखा था. इसके बाद इन सपनों को साकार करने के लिए महीनों पसीना बहाया. आखिरकार इनके कृत्यों ने आज उक्त स्थान के सौंदर्यीकरण की दिशा में शहरवासियों का एक स्वर में मांग उठने लगा है.
* हो रही परेशानी
धर्म स्थल के रूप में बुजुर्गो की कड़ी मेहनत से स्थापित धर्म स्थल लोगों के आस्था का केंद्र बन गया है. यहां नित्य पूजन करने वालों की भीड़ लगी रहती है, परंतु दुर्लभ और परिश्रम भरे रास्ते तक पहुंच पाना लोगें के लिए एक बड़ी समस्या बन जाती है. अपने कठिन परिश्रम से इस पहाड़ी चोटी पर स्थापित धर्म स्थल के विकास के लिए इसका सौंदर्यीकरण कराने को लेकर बुजुर्गो ने जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह से पहल करने की मांग की है.