हादसे का कारण बन रहा हाइवे का स्पीड ब्रेकर
विरोध. उच्च न्यायालय के आदेशों की हो रही अनदेखी हाइवे पर स्पीड ब्रेकर, किस मंसूबे को अंजाम दे रही पुलिस शेखपुरा.हाइवे सड़क मार्ग पर स्पीड ब्रेकर बड़े और जानलेवा हादसों का कारण बनता जा रहा है. इसको लेकर उच्च न्यायालय ने भी स्पीड ब्रेकर हटाने को लेकर विभाग को ख्त निर्देश दे रखा है. पिछले […]
विरोध. उच्च न्यायालय के आदेशों की हो रही अनदेखी
हाइवे पर स्पीड ब्रेकर, किस मंसूबे को अंजाम दे रही पुलिस
शेखपुरा.हाइवे सड़क मार्ग पर स्पीड ब्रेकर बड़े और जानलेवा हादसों का कारण बनता जा रहा है. इसको लेकर उच्च न्यायालय ने भी स्पीड ब्रेकर हटाने को लेकर विभाग को ख्त निर्देश दे रखा है. पिछले दिनों पीडब्ल्यूडी विभाग ने स्पीड ब्रेकर को हटाने के लिए जिले में अभियान भी चलाया था.
परंतु इस व्यवस्था में जो सबसे बड़ी विडंबना यह है कि कानून के रक्षक ही न्यायालय की आदेशों की अनदेखी कर रहे हैं. जिले में कई ऐसे थाने है जहां स्टेट और नेशनल हाइवे पर खतरनाक स्पीड ब्रेकर बना रखा है. आम लोग इस पुलिसिया स्पीड ब्रेकर में वाहनों से नाजायज उगाही का मुख्य कारण मानते हैं.
उच्च न्यायालय के निर्देश से जुड़े इस स्पीड ब्रेकर के सवाल पर अगर गौर करें तब करीब एक वर्ष पूर्व नालंदा की उगमा गांव निवासी महिला चेवाड़ा थाने के समीप बनाये खतरनाक स्पीड ब्रेकर की ठोकर में हादसे की शिकार हो गयी. बाइक की टक्कर से गिरने के बाद महिला की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी. महिला की वारदात के बाद भी स्पीड ब्रेकर को नहीं हटाया जा सका. स्थानीय लोगों के मुताबिक हादसे के बाद भी चेवाड़ा पुलिस वाहनों से नाजायज उगाही को लेकर अमानवीय कृत्यों से लोगों की जान जोखिम में डाल कर अपनी जेबें भरती रही.
इन थाने और ओपी के समक्ष हैं स्पीड ब्रेकर
जिले में उच्च न्यायालय के आदेशों की अनदेखी कर अपने गलत मंसूबे को अंजाम देती पुलिस और अधिकारियों पर अगर नजर डाले तब नालंदा-शेखपुरा को जोड़ने वाली एनएच सड़क मार्ग स्थित मिशन ओपी के समक्ष भी खतरनाक स्पीड ब्रेकर बना है. यह स्पीड ब्रेकर आये दिन सड़क हादसों का भी कारण बनता रहा है.
वहीं शेखपुरा-लखीसराय मार्ग स्थित सिरारी ओपी के समक्ष भी खतरनाक स्पीड ब्रेकर आये दिन हादसों का कारण बनता जा रहा है. इस स्पीड ब्रेकर की आड़ में बालू एवं अन्य सामग्री लोड वाहनों से अवैध वसूली का मामला भी काफी विवादित रहा. वहीं हाल में थाने पर आक्रोशित पब्लिक के हमले से चर्चित चेवाड़ा पुलिस भी थाने के समीप स्पीड ब्रेकर को लेकर लंबे अरसे से विवाद बना रहा है. स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो यहां भी स्पीड ब्रेकर का उपयोग पुलिस ही वाहनों से नाजायज वसूली के रूप में करती है.
नालंदा, लखीसराय और जमुई जिला के सीमावर्ती थानों के समर्थ स्पीड ब्रेकर की सालों से यह व्यवस्था भले ही पुलिस महकमे के लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी साबित हो रहा हो मगर लोगों का हादसों में मौत अपंग बनाने से लेकर मौत की नींद सुलाने वाले इन स्पीड ब्रेकर के लिए उच्च न्यायालय के निर्देश भी कोई मायने नहीं रखता है.