रूखाई के टीले में दफन है ऐतिहासिक धरोहर : डीएम
चंडी : रूखाई में पुरातात्विक उत्खनन का जायजा लेने पहुंचे जिलाधिकारी ने कहा कि रूखाई गढ़ के टीले में नालंदा के ऐतिहासिक धरोहर दफन है. जिसकी परतें खुलती जा रही है. डीएम बी कार्तिकेय गुरुवार की सुबह रूखाई टीले में चल रहे उत्खनन कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे थे. उन्होंने उत्खनन स्थल देखने के उपरांत […]
चंडी : रूखाई में पुरातात्विक उत्खनन का जायजा लेने पहुंचे जिलाधिकारी ने कहा कि रूखाई गढ़ के टीले में नालंदा के ऐतिहासिक धरोहर दफन है. जिसकी परतें खुलती जा रही है. डीएम बी कार्तिकेय गुरुवार की सुबह रूखाई टीले में चल रहे उत्खनन कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे थे.
उन्होंने उत्खनन स्थल देखने के उपरांत कहा कि अब तक जो यहां प्राचीन काल के सभ्यता से जुड़े अवशेष मिले है उससे नालंदा का इतिहास और समृद्ध होगा. उत्खनन दल के निदेशक डॉ गौतम कुमार लामा एवं अन्य सदस्यों ने जिलाधिकारी को उन सभी वस्तुओं से अवगत कराया जो खुदाई के दौरान प्राप्त हुए हैं.
डॉ लामा ने जिलाधिकारी को बताया कि अब जो प्रमाण मिले हैं उससे यह पता चलता है कि इस जिले का इतिहास तीन हजार साल से अधिक पुराना है. उन्होंने संभावना व्यक्त की है कि और खुदाई हो तो ताम्र पाषाण कालीन सत्यता के प्रमाण यहां मिलने की पूरी संभावना है, जो करीब चार हजार वर्ष पुरानी है.
खुदाई में एक और कुआं मिला है. इससे पहले भी दो कुएं मिल चुके हैं. जिलाधिकारी ने उत्खनन दल से आग्रह किया कि प्राप्त अवशेषों का ब्योरा ऐतिहासिक तथ्य के साथ हिला प्रशासन को भी उपलब्ध करा दी जाय. उत्खनन दल निदेशक ने बताया कि पुरातत्व विभाग से बहुत कम राशि उपलब्ध करायी गयी है. ऐसे में कार्य को लंबा खींचना असंभव है. राज्य सरकार की ओर से भी कोई सहायता नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि इस स्थल की सुरक्षा के बारे में भी सोचा जाना चाहिए. ताकि ऐतिहासिक अवशेषों को नष्ट होने से बचाया जा सके.
इधर रूखाई के ग्रामीणों ने डीएम को जानकारी दी कि यहां पहले भी कीमती पत्थर की मूर्तियां मिली थी. जिनमें कई चोरी भी की जा चुकी है. इस अवसर पर स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि रोशन कुमार से जिलाधिकारी ने कहा कि इधर-उधर बिखरे पड़े मूर्तियों को स्थानीय मंदिरों में रखवाये जाने का प्रयास करें.