शिक्षक आंदोलन ने पकड़ा जोर, निकाला जुलूस

सरकार पर अनदेखी का लगाया आरोप बरबीघा : ज्यों-ज्यों समय बीत रहा है अनियोजित शिक्षकों के प्रति सरकारी रवैया को लेकर इनके समर्थन में लोगों में आक्रोश गहराने लगा है. सरकारी दमनात्मक व्यवहार को लेकर अब उनका आंदोलन शहर से लेकर गांव-गांव तक चर्चा का विषय बन गया है. शहर के चौक-चौराहों एवं गांव के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 3, 2015 9:33 AM
सरकार पर अनदेखी का लगाया आरोप
बरबीघा : ज्यों-ज्यों समय बीत रहा है अनियोजित शिक्षकों के प्रति सरकारी रवैया को लेकर इनके समर्थन में लोगों में आक्रोश गहराने लगा है. सरकारी दमनात्मक व्यवहार को लेकर अब उनका आंदोलन शहर से लेकर गांव-गांव तक चर्चा का विषय बन गया है.
शहर के चौक-चौराहों एवं गांव के चौपालों में शिक्षकों के प्रति सद्भावना व्यक्त करते हुए लोग सरकार के हिटलरशाही व्यवहार की निंदा होने लगी है.
नियोजित शिक्षकों के समर्थन में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ जिला इकाई के बैनर तले वेतनमान की मांग को लेकर बरबीघा +2 उच्च विद्यालय के समक्ष एकजुट होकर मशाल जुलूस निकाला. इसका नेतृत्व राजीव कुमार उर्फ पप्पू,डॉ सुखेंदु मोहन शर्मा,गोपाल पांडेय,विशाल कुमार,रंजीत कुमार, सुनील कुमार झा,मनोरंजन कौशिक आदि ने किया. मशाल जुलूस में शामिल लोगों ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब कि नियोजित शिक्षकों की मांगें पूरी नहीं की जायेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा. इसके तहत मैट्रिक परीक्षा का मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार जारी रहेगा.
इसके लिए शिक्षकों ने एकजुटता होने का संकल्प ले लिया है. शिक्षकों के इस आंदोलन का प्रभाव विद्यालय का पठन-पाठन बंद रहने से करीब,पिछड़े,दलित,महादलित परिवार के बच्चों पर इसका बुरा असर पड़ रहा है. जिसका खामियाजा आने वाले चुनाव पर पड़ेगा. शिक्षक संघ के नेताओं ने कहा कि समान काम के लिए समान वेतन की मांग पर बल दिया.

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