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शाहपुर-मेहुस सड़क मार्ग का डीपीआर हुआ तैयार

2007 से लंबित सड़कों के बहुरेंगे दिन,लोगों में खुशी न्यायिक सुनवाई के बाद शुरू हुई विभागीय कार्रवाई शेखपुरा : वर्ष 2007 से न्यायिक पेंच में फंसे शाहपुर और मेहुश सड़क मार्ग का डीपीआर तैयार कर प्रशासनिक स्वीकृति की कार्रवाई शुरू कर दिया गया है. अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तब चुनाव पूर्व ही सड़क […]

2007 से लंबित सड़कों के बहुरेंगे दिन,लोगों में खुशी
न्यायिक सुनवाई के बाद शुरू हुई विभागीय कार्रवाई
शेखपुरा : वर्ष 2007 से न्यायिक पेंच में फंसे शाहपुर और मेहुश सड़क मार्ग का डीपीआर तैयार कर प्रशासनिक स्वीकृति की कार्रवाई शुरू कर दिया गया है. अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तब चुनाव पूर्व ही सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ हो जायेगा. पिछले आठ सालों से सड़क मार्ग की जजर्र हालत से जूझ रहे दर्जनों गांवों के लोगों को इस नयी पेश कदमी से राहत मिल सकेगी.
फिलहाल दोनों सड़क मार्ग की स्थिति नाजुक है. शेखपुरा-शाहपुर से जुड़े लगभग 14.2 किमी लंबे सड़क मार्ग को लेकर पहली बार सुशासन की सरकार में वर्ष 2007 में सड़क का निर्माण शुरू हुआ था. इसी प्रकार शेखपुरा-मेहुस के लिए लगभग 09 किमी लंबी सड़क निर्माण किया जाना है.
दोनों सड़कों का निर्माण के लिए डीपीआर तैयार कर प्रशासनिक स्वीकृति की पहल कदमी की जा रही है. पिछले आठ सालों तक पूर्व संवेदक के द्वारा निर्माण कार्य पूरा नहीं होने के बाद विभागीय कार्रवाई शुरू होते ही संवेदक के द्वारा उक्त सड़कों का निर्माण को न्यायिक पेंच में डाल दिया. लंबे अंतराल के बाद इसके पूर्व वर्ष 2012 में दोबारा निर्माण कार्य शुरू हुआ तब दोबारा न्यायालय के द्वारा रोक लगा दिया गया.
आठ सालों तक रुका रहा निर्माण : जिले के दो महत्वपूर्ण सड़कों का निर्माण जब आठ साल पूर्व होता तब उसकी लागत 09 करोड़ की ही लगती परंतु इस निर्माण में शेखपुरा-शाहपुर के 14.2 किमी के लिए तब 05 करोड़ की लागत लगनी थी, परंतु अब उक्त निर्माण के लिए 25 करोड़ का डीपीआर तैयार किया गया है. उसी प्रकार शेखपुरा-मेहुश के 09 किमी लंबी सड़क के लिए पूर्व में 04 करोड़ की लागत लगनी थी, परंतु अब इसके लिए 15 करोड़ का डीपीआर तैयार किया गया है.
शर्मा एंड कंपनी बना मुख्य कारण : पीडब्ल्यूडी के कार्यपालक अभियंता मो इम्तियाज अहमद ने बताया कि पहली बार वर्ष 2007 में शर्मा एंड कंपनी नामक एजेंसी को निर्माण कार्य का जिम्मा मिला था.
उस वक्त अवधि समापन के बाद भी निर्माण कार्य को अंजाम नहीं दिया गया. तब विभाग ने अपने एकरारनामा को रद्द करने की कार्रवाई शुरू कर दी थी. इसके बाद पुन: उक्त सड़क मार्ग का निर्माण पुत्र निगम से शुरू किया गया था. परंतु शर्मा एंड कंपनी ने वर्ष 2012 में दोबारा रोक लगा दिया गया. आम आवाम गड्ढे में तब्दील सड़क पर चलने की विवशता के बीच इसका बड़ा खामियाजा भुगतने को विवश है.
मिलेगी बड़ी राहत : आठ सालों से न्यायिक पेंच में फंसे जिले के दो महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण से जिले वासियों को पड़ोसी जिलों से संपर्क काफी आसान हो जायेगा. शेखपुरा-शाहपुर सड़क मार्ग जिले को नवादा और नालंदा से सीधा संपर्क जोड़ सकेगा. फिलहाल नालंदा से संपर्क के लिए 45 किमी लंबी दूरी तय करनी पड़ती है जबकि उक्त सड़क निर्माण के बाद यह दूरी आधे से भी कम हो जायेगी. वही स्थिति शेखपुरा और मेहुश सड़क मार्ग का भी है.
जिले के दोनों सड़क मार्गो का नये से निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. न्यायिक आदेश के बाद दोनों सड़कों का डीपीआर तैयार कर एक माह पूर्व प्रशासनिक स्वीकृति के लिए विभाग के प्रधान कार्यालय को भेज दिया गया है. प्रशासनिक स्वीकृति मिलते ही निर्माण की दिशा में विभागीय पहल की जायेगी.
मो इम्तियाज अहमद, कार्यपालक अभियंता, पीडब्ल्यूडी,शेखपुरा

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