उपस्थिति से ज्यादा को मध्याह्न् भोजन योजना का लाभ
शेखपुरा : जिले के विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति से ज्यादा मध्याह्न् भोजन योजना का लाभ देने का मामला प्रकाश में आया है. जिला आपूर्ति पदाधिकारी कुंदन कुमार जब चेवाड़ा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय धारी निरीक्षण के लिए पहुंचे, तब इन तथ्य से रू-ब-रू हुए. जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने इस मामले में विद्यालय शिक्षा […]
शेखपुरा : जिले के विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति से ज्यादा मध्याह्न् भोजन योजना का लाभ देने का मामला प्रकाश में आया है. जिला आपूर्ति पदाधिकारी कुंदन कुमार जब चेवाड़ा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय धारी निरीक्षण के लिए पहुंचे, तब इन तथ्य से रू-ब-रू हुए.
जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने इस मामले में विद्यालय शिक्षा प्रबंध समिति के साथ-साथ प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की है. जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने इस मामले में जिलाधिकारी प्रणव कुमार से अनुशंसा की है.
जिला आपूर्ति पदाधिकारी के हवाले से जिला सूचना व जनसंपर्क पदाधिकारी योगेंद्र कुमार लाल ने बताया कि विद्यालय में 28 प्रतिशत से ज्यादा बच्चों को एमडीएम में हाजिरी बनी पायी गयी. विद्यालय में 378 बच्चों का नामांकन है,
जिसमें निरीक्षण के दिन 209 बच्चों की हाजिरी बनी पायी गयी थी. लेकिन जांच व पुकार पर उपस्थिति की संख्या 186 ही पायी गयी. बच्चों को दी जाने वाली मध्याह्न् भोजन योजना की जांच पर यह बात भी सामने आयी है कि वहां भोजन में मात्र एक मसाला का प्रयोग होता है. जबकि सभी प्रकार के मसाले खरीदे जाने की बात बतायी गयी.
विद्यालय में एमडीएम के संचालन के लिए कैश बुक या बैंक पासबुक भी नहीं पाया. इसके उलट नियमों के विरुद्ध विद्यालय शिक्षा समिति तथा एमडीएम का संयुक्त बैंक खाता संचालित है.
एमडीएम के अलावा विद्यालय के शैक्षणिक वातावरण पर भी उन्होंने जांच निरीक्षण के दौरान कड़ी टिप्पणी की है. बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्यों को पूरा करने की कोई भी सार्थक कोशिश विद्यालयों में होती नहीं दिख रही है. शिक्षक वर्ग पट्टिका तथा शैक्षणिक डायरी आदि भी लिखने की आवश्यकता नहीं समझी जाती है.
इस एक विद्यालय की हालत देख कर दूसरे विद्यालयों की हालत का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है. जिले के सभी विद्यालयों की हालत कमोबेश यही है और इसमें काफी सुधार की गुंजाइश है.