सुबह के इंतजार में सड़कों पर गुजारी खौफ की रात

भूकंप के खौफ ने लोगों की उड़ा दी नींद, परेशानी बढ़ी शेखपुरा : जिले में भूकंप का खौफ चरम पहर है. मंगलवार की दोपहर लगातार दो बार आये भूकंप के झटकों ने लोगों के हौसलों को हिला कर रख दिया. भूकंप के झटकों के बाद दिन तो किसी तरह व्यस्तता के कारण कट गयी, परंतु […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 14, 2015 2:01 AM
भूकंप के खौफ ने लोगों की उड़ा दी नींद, परेशानी बढ़ी
शेखपुरा : जिले में भूकंप का खौफ चरम पहर है. मंगलवार की दोपहर लगातार दो बार आये भूकंप के झटकों ने लोगों के हौसलों को हिला कर रख दिया. भूकंप के झटकों के बाद दिन तो किसी तरह व्यस्तता के कारण कट गयी, परंतु जब बार रात की आयी तब लोगों के चेहरों पर खौफ का मंजर साफ दिखने लगा.
शहर में सड़क और गांव में खेत खलिहान ही लोगों का बसेराबना. महिला और बच्चे तो फिर भी घर में ही,परंतु बुजुर्ग और पुरुष सदस्य पूरी रात घर के बाहर ही गुजार दिया. राहत की बात यह रही कि वे निजी और सरकारी शिक्षण संस्थानों में ग्रीष्म अवकाश की सूचना तीन दिन पहले ही हो गयी. मंगलवार को भूकंप का नजारा ऐसा रहा कि विद्यालयों में शैक्षणिक कार्य चल रहा था. लोग अपने बच्चों की खबर लेने के लिए बड़ी तादाद में स्कूल ही पहुंच गये.
दहशत के साये से नहीं उबर रहे लोग
बिहारशरीफ.भूकंप के झटके ने लोगों के दिमाग पर ऐसा असर किया है कि लोग दहशत के साये से नहीं उबर रहे हैं. बच्चे से लेकर वृद्ध तक भूकंप की आशंका में सतर्कता बरतते हुए घर में वैसी जगह अपना ठिकाना बना लिया है, जहां से उन्हें बाहर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने में सहूलियत हो सके.
कामकाजी लोग भी दफ्तर, दुकान ,संस्थान सहित अपने कार्य स्थलों पर एहतियात के तौर पर आवश्यक व्यवस्था कर रखे हैं. गली,चौराहा ,घर,दफ्तर व सार्वजनिक स्थलों पर लोगों के बीच चर्चा का मुख्य विषय भूकंप हो गया है. 25 अप्रैल से 12 मई के बीच दो बड़े व अन्य छोटे-छोटे झटकों ने लोगों पर काफी मनोवैज्ञानिक असर डाला है. समाहरणालय स्थित विधि शाखा में कार्यरत अनुसेवक चंद्रदेव सिंह को बुधवार की दोपहर भूकंप की चर्चा सुनते हीं उन्हें ऐसा एहसास हुआ मानो सही में फिर से धरती कांपने लगी हो.
इसके बाद वह अनायास दौड़ते हुए बाहर भाग गये और घंटों बाद तक अपने कार्यालय में वापस नहीं लौटे. जबकि वास्तव में उस समय भूकंप का झटके अन्य किसी को महसूस नहीं हुआ. इस तरह का यह अकेला वाक्या नहीं बल्कि दहशत इस कदर छाया है कि लोग भूकंप के नाम से ही सुरक्षित स्थान की ओर भागना शुरू कर देते हैं.
‘‘बार-बार भूकंप की त्रसदी से जन और माल दोनों की क्षति हो रही है. मंगलवार को भूकंप के दो बार झटके आये तब पहले जोर से सर चकराया फिर धड़कनें तेज हो गयी. इस हालत में पूरी रात अच्छी तरह नींद तक नहीं आ सकी. अब ऐसे हालत में चिकित्सा का सहारा लेना पड़ रहा है.’’
मो शकील अहमद, अधिवक्ता
‘‘ मंगलवार को स्कूल के कार्यालय में बैठा था तब अचानक से महसूस हुआ कि टेबल और कुरसी हिलने लगा तभी शिक्षकों को अलर्ट कर सावधानी से बच्चों को बाहर सड़क पर निकाला गया. बच्चों ने भी भूकंप को लेकर काफी सावधानी दिखायी. शैक्षणिक कार्यो में बाधा उत्पन्न हो रही है.’’
धर्मेद्र कुमार, प्राचार्य, शेखपुरा सेंट्रल स्कूल
‘‘ भूकंप की घटना जब हुई तब बैठ कर खाना खा रहे थे. हाल में भूकंप आने की घटना से पहले ही सहमे थे. मंगलवार को जब भूकंप आया तब किसी अनहोनी के खौफ में बच्चों के साथ घर से बाहर निकल आयी. घर के बाहर तालाब का पानी भी छलक रहा था. ’’
अंजलि कुमारी, गृहिणी
‘‘ भूकंप का दौर जिस प्रकार जारी है, बुजुर्गो के लिए मुश्किलें खड़ी हो गयी है. ब्लड प्रेसर, मानसिक तनाव और नींद नहीं आने की बीमारी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे समय में लोगों को धैर्य और बुद्धिमानी से काम लेना चाहिए ताकि स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानी ना हो.’’
डॉ एमपी सिंह,उपाधीक्षक,सदर अस्पताल, शेखपुरा

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