हमने क्या बिगाड़ा जो मेरे सुहाग को उजाड़ा भगवान

शेखोपुरसराय : हे भगवान हमने क्या बिगाड़ा जो आपने हमारे सुहाग को उजाड़ दिया. आठ माह पूर्व ब्याह कर लायी गयी चंचला की आंखों से आंसुओं की धारा कम नहीं हो रही थी. उसने अपने 22 वर्षीय पति साजो पासवान को रविवार को कमाने के लिए खुशी-खुशी दिल्ली के लिए विदा किया था, परंतु मौत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 26, 2015 8:17 AM
शेखोपुरसराय : हे भगवान हमने क्या बिगाड़ा जो आपने हमारे सुहाग को उजाड़ दिया. आठ माह पूर्व ब्याह कर लायी गयी चंचला की आंखों से आंसुओं की धारा कम नहीं हो रही थी.
उसने अपने 22 वर्षीय पति साजो पासवान को रविवार को कमाने के लिए खुशी-खुशी दिल्ली के लिए विदा किया था, परंतु मौत ने वापस बुला लिया. राजगीर में श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन छूट गयी और वे वापस घर लौट गयी. साजो पासवान के सिर से उसके पिता डोमन पासवान का साया पहले ही उठ चुका था.
इसके बाद अपनी वृद्ध मां सावित्री देवी और विवाहिता चंचला देवी के लिए जिंदगी का इकलौता सहारा था, जिसे दौलत के हवस में सदा के लिए दरिंदों ने मौत की नींद सुला दिया. रविवार को चंचला की जिंदगी में खुशियों का आखिरी रात साबित हुआ. इस घटना के बाद दारोगी बीघा गांव में चीत्कार और मातम के बीच अधिकांश घरों का चूल्हा नहीं जल सका. इस घटना ने सास और बहू को उसके सिर से सहारे का साया सदा के लिए हटा गया.

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